Tuna Fish: टूना मछली पकड़कर मोटी कमाई करने का शानदार मौका, सरकार दे रही ऑफर

Tuna Fish: टूना मछली पकड़कर मोटी कमाई करने का शानदार मौका, सरकार दे रही ऑफर

येलोफिन और स्किपजैक टूना मछली लोकल मार्केट में 150 से 400-500 रुपये किलो तक मिल जाती है. लेकिन अगर अटलांटिक ब्लूफिन टूना की बात करें तो इसकी कीमत उपलब्धता के आधार पर 10 से 12 लाख रुपये किलो तक होती है. 

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Tuna Fish: टूना मछली पकड़कर मोटी कमाई करने का शानदार मौका, सरकार दे रही ऑफरगहरे समुंद्र में घूमती टूना मछली. फोटो क्रेडिट-आईओटीसी

देश ही नहीं दुनियाभर में टूना मछली की खासी डिमांड है. टूना मछली एक्सपोर्ट करने में दाम भी अच्छा मिलता है. एक्सपर्ट की मानें तो भारतीय सीमा के गहरे समुद्र टूना मछली से भरे पडे  हैं. खासतौर पर लक्ष्यदीप में टूना मछली बहुत पाई जाती है. लेकिन हाईटेक फिशिंग बोट और तकनीक की कमी के चलते भारतीय टूना मछली एक्सपोर्ट के मानकों को पूरा नहीं कर पाती है. इसलिए दूसरे देशों के मुकाबले भारतीय टूना के दाम गिर जाते हैं. जिसे बाद में स्थानीय बाजार में ही औने-पौने दाम में बेचना पड़ता है. 

लेकिन केन्द्र सरकार अब सभी को टूना मछली पकड़कर मोटी कमाई करने का मौका दे रही है. इसके लिए सार्वजनिक और प्राइवेट दोनों ही क्षेत्र को ऑफर दिया है. हालांकि एक्दपर्ट की मानें तो इसके लिए बड़े इंवेस् मेंट, टेक्नोलॉजी और एक्सपर्ट लोगों की जरूरत होगी. 

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अभी पकड़ी जा रही हैं सिर्फ 12 फीसद टूना मछली 

हाल ही में अहमदाबाद, गुजरात में इंटरनेशनल फिशरीज कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया था. जहां विदेशों से भी फिशरीज के एक्सपर्ट आए थे. ऐसे ही एक एक्सपर्ट और वर्ल्ड  बैंक के सलाहकार डॉ. आर्थर नीलैंड ने बताया कि भारत के स्पेशल इकोनॉमिक जोन में टूना मछली की भरमार है. एक मोटे अनुमान के मुताबिक भारतीय सीमा के गहरे समुद्र में करीब 1.79 लाख टन टूना मछली हैं. ये दो तरह येलोफिन और स्किपजैक टूना हैं. लेकिन अफसोस की बात ये है कि इतनी बड़ी मात्रा होने के बाद भी सिर्फ 25 हजार टन ही टूना मछली पकड़ी जा रही हैं. 

डीडीजी फिशरीज जेके जैना ने किसान तक को बताया कि मालदीव की टूना आठ डॉलर के हिसाब से बिकती है. जबकि भारतीय टूना को कोई पूछने वाला नहीं होता है. ऐसा इसलिए है कि गहरे समुद्र से टूना पकड़कर लौटने में छह से सात दिन तक लग जाते हैं. ऐसे में टूना मछली खराब होने लगती है. अगर फिशिंग बोट में ही कोल्ड स्टोरेज की सुविधा हो तो भारतीय मछुआरों को भी अच्छे दाम मिल सकते हैं. 

पब्लिक-प्राइवेट सेक्टर के आने से होंगे तीन बड़े फायदे 

डॉ. नीलैंड ने बताया कि टूना मछली सिर्फ गहरे समुद्र में ही पाई जाती है. इसलिए अगर पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर टूना मछली पकड़ने के काम में आते हैं तो इसका फायदा आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय स्तर पर भी होगा. साथ ही अगर विशेषज्ञ मत्स्य पालन विज्ञान, प्रबंधन, मछली प्रसंस्करण और बुनियादी ढांचे के साथ भारत के मजबूत संस्थागत आधार का उपयोग गहरे समुद्र में मछली पकड़ने की विकास योजनाओं के लिए भी फायदेमंद होगा. 

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जानें क्या हैं टूना मछली खाने के फायदे 

टूना के जानकार बताते हैं कि टूना मछली खाने के बहुत फायदे हैं. अगर हड्डियों के हिसाब से बात करें तो टूना में कैल्शियम, विटामिन-डी और मैग्नीशियम बहुत अच्छी मात्रा में पाया जाता है. इसलिए टूना खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं. टूना में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा भी खूब होती है तो ये हॉर्ट को भी मजबूत करता है. आंखों को हेल्दी रखने और वजन घटाने के लिए भी टूना मछली फायदेमंद बताई जाती है. कोविड-19 के दौरान तो ये सामने आया था कि टूना फिश खाने से इम्यूानिटी भी बहुत तेजी से बढ़ती है.

 

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