मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है. सरकार अब राज्य में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद 20 मई तक करेगी. इसके लिए सरकार ने खरीद की अंतिम तिथि 15 मई से बढ़ाकर 20 मई कर दी है. अब तक प्रदेश में चार लाख 18 हजार किसानों से 31 लाख 55 हजार टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है.
प्रदेश में सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने के लिए इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के लिए 7 मई और जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर और चंबल संभाग के लिए 15 मई की अवधि निर्धारित की थी. बारिश और ओलावृष्टि के कारण कई स्थानों पर खरीद कार्य प्रभावित हुआ. इतना ही नहीं पैदावार पर भी असर पड़ा है. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने 50 फीसदी तक बिना चमक वाली गेहूं खरीदने की इजाजत दे दी है. सभी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने खरीदी की अवधि 20 मई तक बढ़ा दी है. खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग ने सभी कलेक्टरों को पंजीकृत किसानों को इसकी सूचना देने के निर्देश दिए हैं, ताकि वे अपनी सुविधा के अनुसार उपज लेकर उपार्जन केंद्र पर पहुंच सकें. प्रदेश में 15 लाख किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने के लिए पंजीयन कराया है.
सरकार ने रबी फसलों के लिए समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद की प्रतिशत सीमा में छूट दी है. अब 50 प्रतिशत चमक हानि (गेहूं के दानों की चमक खत्म होना, दाना खराब होना और सिकुड़ा हुआ दिखना) की सीमा 30 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दी गई है.
जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी, बालाघाट ज्योति बघेल ने कहा कि हाल ही में हुई असामयिक बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. किसानों को राहत देने के लिए एफएक्यू के अनुसार निर्धारित सीमा प्रतिशत में वृद्धि की गई है. पहले किसानों से 30 प्रतिशत खराब गेहूं खरीदा जा रहा था, जिसे अब 50 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके अलावा टूटे हुए गेहूं के दानों की सीमा छह प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत, थोड़े टूटे दानों की सीमा चार प्रतिशत से बढ़ाकर छह प्रतिशत कर दी गई है.
आपको बता दें कि किसानों से गेहूं 2275 रुपये और राज्य बोनस 125 कुल 2400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है. किसान तय मानकों से भी खराब गेहूं ला रहे हैं. समर्थन मूल्य पर खरीदी अवधि में बालाघाट जिले में मात्र 25 किसानों से 473 क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई है.
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