अनाज स्टोरेज कैपेसिटी बढ़ाने के लिए देशभर में साइलो की संख्या बढ़ाई जाएगी. भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) 35 लाख टन क्षमता से लैस साइलो के पीपीपी मोड के तहत कंस्ट्रक्शन के लिए जल्द ही टेंडर जारी करेगा. जबकि, एफसीआई अगले कुछ वर्षों में 110 लाख टन क्षमता से लैस साइलो के निर्माण की योजना पर काम कर रहा है. एफसीआई इन साइलो का इस्तेमाल निजी संस्थाओं के साथ 30 साल की लीज के जरिए गेहूं स्टोरेज के लिए करेगा.
अनाज भंडारण के लिए साइलो एक मैकेनिकल और मॉडर्न सॉल्यूशन है. साइलो भंडारण स्थान को अनुकूलित करता है, परिवहन लागत को कम करता है और अनाज की क्वालिटी को लंबे समय तक बनाए रखता है. साइलो के जरिए कम जगह में अधिक अनाज भंडारण किया जा सकता है. रिपोर्ट के अनुसार भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल के तहत 35 लाख टन क्षमता से लैस मॉडर्न गेहूं साइलो के निर्माण के लिए कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए जल्द ही टेंडर जारी करेगा.
वर्तमान में 40 साइलो 20 लाख टन की स्टोरेज क्षमता वाले बनाए गए हैं, जबकि 85 जगहों पर 40 लाख टन क्षमता से लैस मॉडर्न स्टोरेज फेसेलिटी वाले साइलो बनाने का कॉन्ट्रैक्ट जारी किया गया है. वर्तमान में इन साइलो के निर्माण का कॉन्ट्रैक्ट अडानी एग्री लॉजिस्टिक्स और केसीसी इंफ्रास्ट्रक्चर सहित कई निजी संस्थाओं को दिया गया है. इससे अगले कुछ वर्षों में गेहूं साइलो की कुल क्षमता 60 लाख टन को पार कर जाएगी.
रिपोर्ट के अनुसार यह 110 लाख टन क्षमता वाले गेहूं साइलो पीपीपी मोड के तहत अगले चार वर्षों के दौरान बनाए जाने हैं और यह 11,000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं. ये साइलो पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, जम्मू, उत्तराखंड और केरल में लगभग 250 स्थानों पर फैले हुए हैं. एफसीआई इन साइलो का इस्तेमाल निजी संस्थाओं के साथ 30 साल की लीज के जरिए गेहूं स्टोरेज के लिए करेगा.
बिहार के बक्सर में पीपीपी मॉडल के तहत निर्मित चावल भंडारण के लिए 25,000 टन क्षमता का देश का पहला साइलो एफसीआई ने बीते मार्च में ही चालू किया है. जबकि, बिहार के कैमूर में एक और चावल स्टोरेज फेसेलिटी शीघ्र ही पूरी हो जाएगी. अधिकारियों ने कहा कि ये दोनों साइलो डीबीएफओटी के तहत नेशनल कमोडिटी मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड ने बनाए हैं.
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