scorecardresearch
फ्रोजन झींगा एक्सीपोर्ट में भारत की लम्बी छलांग, 8 साल में 233 फीसद बढ़ा

फ्रोजन झींगा एक्सीपोर्ट में भारत की लम्बी छलांग, 8 साल में 233 फीसद बढ़ा

केन्द्रीय मछली विभाग के सचिव जतीन्द्र नाथ स्वैन का कहना है कि फ्रोजन मछली की तरफ लोगों का विश्वास जीतना है तो एक्सपोर्ट क्वालिटी वाले नियम घरेलू मछली सप्लाई में भी लाने होंगे.

advertisement
झींगा का प्रतीकात्मक फोटो. फोटो क्रेडिट ट्व‍िटर  झींगा का प्रतीकात्मक फोटो. फोटो क्रेडिट ट्व‍िटर

सीफूड में शामिल झींगा पालन से लेकर उसे ज्यादा से ज्यादा एक्सपोर्ट करने की बात ऐसे ही नहीं चल रही है. हाल ही में केन्द्र सरकार ने मत्सय और पशुपालन मंत्रालय का बजट भी बढ़ाया है. मछली पालन करने और मछली पकड़ने वालों को तमाम तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं. इस सब के पीछे बड़ी वजह है फ्रोजन झींगा की इंटरनेशनल बाजार में डिमांड का होना. हाल ही में मंत्रालय की ओर से जारी एक आंकड़े के मुताबिक फ्रोजन झींगा का एक्सपोर्ट 233 फीसद तक बढ़ा है. सीफूड एक्सपोर्ट को और बढ़ावा देने के लिए ही मंत्रालय सागर परिक्रमा फेज थ्री का आयोजन कर रहा है. केन्द्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला गुजरात से लेकर महाराष्ट्रा तक इसकी कमान संभाले हुए हैं.   

घरेलू बाजार में भी झींगा को बढ़ावा दिया जा रहा है. फ्रोजन झींगा का बाजार तैयार करने के लिए मथुरा, यूपी से बड़ी संख्या में वेंडर बाइक पर आइस बॉक्स में झींगा लेकर फरीदाबाद, दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद आ रहे हैं. यह वेंडर बाजारों में खड़े होने के साथ ही कॉलोनियों और सोसाइटियों में घूमते हैं. ग्राहक मिला तो ठीक, नहीं तो सोसाइटी के गेट पर अपना मोबाइल नंबर छोड़कर जाते हैं. अगर किसी की डिमांड आती हैं तो होम डिलीवरी भी करते हैं.

फ्रोजन झींगा एक्सपोर्ट एक नजर में.

ये भी पढ़ें- पंजाब में 15 से 20 लीटर दूध रोजाना देंगी बकरियां, जानें प्लान 

72 हजार करोड़ से 2.40 लाख करोड़ पर पहुंचा झींगा एक्सपोर्ट 

मत्सय और पशुपालन मंत्रालय के आंकड़ों पर जाएं तो साल 2003-04 से लेकर 2013-14 तक फ्रोजन झींगा का एक्सपोर्ट 72 हजार करोड़ रुपये का हुआ था. जबकि साल 2014-15 से लेकर 2021-22 तक फ्रोजन झींगा का 2.39 लाख करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट हो चुका है. यह एक बड़ी कामयाबी है. इंटरनेशनल बाजार में झींगा की डिमांड होने से सीफूड एक्स पोर्ट करने वाली कंपनियां भी खासी उत्साहित हैं. पीएम नरेद्र मोदी भी कई जगह अपने भाषणों में सीफूड एक्सपोर्ट बढ़ाने और उसे हर संभव मदद की बात कह चुके हैं.  

 

फ्रोजन झींगा एक्सपोर्ट एक नजर में.

ये भी पढ़ें- Poultry: भारत को मिला 50 मिलियन अंडों का आर्डर, मलेशिया को एक्सपोर्ट करने से खुला रास्ता

मछली करोबार एक नजर में 

साल 2010-11 में प्रोडक्शन- 82.31 लाख टन  
साल 2021-22 में प्रोडक्शन- 162.48 लाख टन 

साल 2019-20 में-

मरीन फिश प्रोडक्शन- 37.27 लाख टन 
इनलैंड फिश प्रोडक्शन- 104.37 लाख टन
12.89 लाख टन फिश एक्सपोर्ट हुई. 

साल 2021-22 में-

मरीन फिश प्रोडक्शन- 41.27 लाख टन 
इनलैंड फिश प्रोडक्शन- 121.21 लाख टन.
13.69 लाख टन फिश एक्सपोर्ट हुई. 

ये भी पढ़ें-

अडानी कंपनी मथुरा में गौशाला के साथ मिलकर बनाएगी CNG, जानें प्लान

CIRG की इस रिसर्च से 50 किलो का हो जाएगा 25 किलो वाला बकरा, जानें कैसे