गजब… किसानों की जानकारी के बिना उनके नाम पर उठा लिया किसान क्रेडिट कार्ड का पैसा

गजब… किसानों की जानकारी के बिना उनके नाम पर उठा लिया किसान क्रेडिट कार्ड का पैसा

बिहार के गोपालगंज में किसान क्रेडिट कार्ड के नाम पर सैकड़ों बाढ़ पीड़ित किसानों के साथ फर्जीवाड़ा हो गया है. पीड़ितों का आरोप है कि उनके पास खुद की जमीन और मकान नहीं है. बावजूद इसके, फर्जी तरीके से उनके नाम पर फर्जी जमीन का रसीद और एलपीसी के कागजात लगाकर लोन की राशि उठा ली गई है.

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गजब… किसानों की जानकारी के बिना उनके नाम पर उठा लिया किसान क्रेडिट कार्ड का पैसाकिसान क्रेडिट कार्ड के नाम पर फर्जीवाड़ा

बिहार के गोपालगंज में किसान क्रेडिट कार्ड के नाम पर सैकड़ों बाढ़ पीड़ित किसानों के साथ फर्जीवाड़ा किए जाने का मामला सामने आया है. भूमिहीन लोगों के नाम पर किसान क्रेडिट कार्ड लोन की राशि उठाकर धोखाधड़ी की गई है. दरअसल, पूरा मामला महम्मदपुर थाना क्षेत्र के सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का है. यहां काशी टेंगराही, कुशहर और महम्मदपुर पंचायत के लोगों के नाम पर 2008 में फर्जी तरीके से KCC का लोन उठाया गया और तकरीबन 16 साल बाद किसानों को नोटिस भेजकर केसीसी की राशि जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. लोन की राशि नहीं जमा करने पर पुलिस गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी कर रही है.

फर्जी कागजात पर उठाया गया लोन

पीड़ितों का आरोप है कि उनके पास खुद की जमीन और मकान नहीं है. बावजूद इसके, फर्जी तरीके से उनके नाम पर फर्जी जमीन का रसीद और एलपीसी के कागजात लगाकर लोन की राशि उठा ली गई है. इसको लेकर किसानों ने डीएम से मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है.

नोटिस आने के बाद हुई जानकारी

पीड़ित किसानों ने बताया की उनके पास खुद की ज़मीन नहीं है, लेकिन उनके नाम पर लोन लिया गया है. हमे पता ही नहीं था. अब नोटिस आ रहा है हमें न्याय चाहिए. किसानों ने कहा की 2008 में हमारे नाम पर लोन उठाया गया और अब 16 साल बाद दबाव बना रहे हैं. हम भूमिहीन हैं, फिर भी हमारे नाम पर फर्जी लोन लिया गया. साथ ही किसानों का कहना था कि हमसे इंदिरा आवास और भूमि के लिए दस्तावेज़ लिए गए, लेकिन हमारे पास न तो जमीन थी और न ही घर. किसानों के कहा कि केसीसी लोन कब और किसने उठाया, पता नहीं चला. यह सब फर्जीवाड़ा है.

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सरकार से की गई जांच की मांग

इस मामले को लेकर पूर्व विधायक मंजीत सिंह ने लोगों के साथ हुए फर्जीवाड़े पर सरकार और जिला प्रशासन से जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. पूर्व विधायक ने कहा की यह एक गंभीर मामला है, गरीब लोगों के साथ बड़ा धोखाधड़ी हुआ है, हम सरकार और प्रशासन से मांग करते हैं कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.


पूर्व विधायक ने कहा कि ये सिधवलिया प्रखंड के काशी टेंगराही, कुशहर और महम्मदपुर का मामला है. 2007-08 में सेंट्रल बैंक महम्मदपुर के द्वारा केसीसी दिया गया है. बैंक और बिचौलियों के द्वारा फर्जी तरीके से भूमिहीन लोगों के नाम पर फर्जी कागजात बनाकर राशि का उठाव किया गया है. इस पूरे मामले को बिहार सरकार के संज्ञान में लाया जाएगा और सरकार से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी.

पीड़ितों ने बताई अपनी-अपनी परेशानी

पीड़ित किसान संतोष कुमार महतो ने कहा कि हम लोग जानते भी नहीं हैं कि हमारे नाम से लोन हुआ है. नोटिस आने के बाद जानकारी हुई है. इसके अलावा पीड़ित धीरज कुमार ने कहा कि इंदिरा आवास दिलाने के नाम पर कागज लिया गया और लोन उठा लिया गया है. हमलोगों के पास जमीन भी नहीं है. साथ ही लीलावती देवी ने कहा कि घर के किसी को जानकारी नहीं है और 1 लाख बीस हजार का लोन हो गया है. हम लोग मजदूरी कर खाते हैं. इतना पैसा कहां से जमा करेंगे. इसके अलावा एक अन्य पीड़ित बीरबल मांझी ने कहा कि मेरे साथ धोखाधड़ी हुई है, मेरा घर गैरमजरूआ जमीन में है. मेरे नाम पर लोन उठ गया है और मुझे जानकारी नहीं है, 15 -16 साल बाद नोटिस आने के बाद जानकारी हुई है. (विकाश कुमार दुबे की रिपोर्ट)

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