गौतम बुद्धनगर (नोएडा) के किसानों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में हल्ला बोल प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन पहले से निर्धारित था. सैकड़ों की संख्या में किसान इकट्ठे होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान किसानों की पुलिस से नोकझोंक भी हुई. इसके बाद किसान कलेक्ट्रेट परिसर में ही धरने पर बैठ गए. किसानों ने कहा कि भूमि अधिकरण से प्रभावित किसानों की मांगो व समस्याओं के समाधान के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था, लेकिन कमेटी की सिफारिश को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है.
प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि जब तक कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा, तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा. प्रदर्शन में किसान सभा, किसान परिषद, जय जवान जय किसान मोर्चा, किसान संघर्ष समिति ऐच्छर, संयुक्त किसान मोर्चे सहित अन्य किसान संगठनों ने भाग लिया.
ये भी पढ़ें - सहारनपुर में SDM ऑफिस में धरना दे रहे किसान पी रहे थे हुक्का, अधिकारी ने दी जेल भेजने की धमकी, वीडियो वायरल
किसान नेता बृजेश भाटी ने कहा कि बीते दिनों ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसानों ने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया था. उसके बाद जब किसान दिल्ली कुछ करने लगे तो उनकी मांगों को हल करने के लिए शासन स्तर पर एक हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था. इस हाई पावर कमेटी को किसानों ने अपनी सभी समस्याएं और मांगे बता दी थी, जिसके बाद कमेटी की ओर से शासन को 31 अगस्त को सौंपी गई रिपाेर्ट को अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है.
किसान नेता मोहित नागर ने कहा कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है. मुद्दों को हल करना तो दूर सिफारिश को भी दबाए बैठी है. सिफारिशें सरकार को दाखिल होकर सार्वजनिक दस्तावेज बन चुकी हैं. इसके बावजूद सिफारिश को छुपाया जाना सरकार की नीयत में खुद को दर्शाता है. गौतम बुद्धनगर के किसान हाई पावर कमेटी की सिफारिश को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन उसके बाद भी अधिकारी किसानों की मांगों को सुनने को तैयार नहीं हैं. इसके चलते आज किसानों ने कलेक्ट्रेट पर हल्ला बोल प्रदर्शन करते हुए हाई पावर कमेटी की सिफारिश को सार्वजनिक करने की मांग की है.(अरुण त्यागी की रिपोर्ट)
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today