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इन मशीनों से आलू-चना और मटर की बुवाई कम खर्च में जल्दी निपटाएं किसान, जानिए फायदे और कीमत

इन मशीनों से आलू-चना और मटर की बुवाई कम खर्च में जल्दी निपटाएं किसान, जानिए फायदे और कीमत

आधुनिक कृषि में मशीनों का उपयोग न केवल फसलों की बुआई को आसान बनाता है, बल्कि समय और लागत को भी कम करता है. आलू, चना और मटर जैसी फसलों की बुआई के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गईं मशीनें उपलब्ध हैं. इन मशीनों के उपयोग से किसान तेजी से और सही तरीके से बुआई करके फसलों से अधिक पैदावार ले सकते हैं.

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रबी फसलों की बुआई में आधुनिक मशीनों का उपयोग से कई लाभ रबी फसलों की बुआई में आधुनिक मशीनों का उपयोग से कई लाभ

रबी फसलों की बुआई को कम लागत और कम समय में पूरा किया जा सकता है. वर्तमान समय में खरीफ फसल की कटाई के साथ-साथ रबी फसलों की बुआई की तैयारियां चल रही हैं. किसानों के लिए यह समय अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है और ऐसे में बुआई से जुड़े कार्यों को जल्दी और कुशलता से करना आवश्यक हो जाता है. आधुनिक मशीनों की सहायता से यह कार्य न केवल आसान बल्कि किफायती भी हो सकता है. इन मशीनों का उपयोग करके किसान बुआई के काम को तेजी से पूरा कर सकते हैं और श्रम लागत में भी बचत कर सकते हैं. कुछ यंत्र, जिनकी कीमत किसानों के बजट में हो और जिनकी उपयोगिता निरंतर बनी रहे, उन्हें खरीदा जा सकता है या फिर भाड़े पर लेकर काम को और भी सुगम बनाया जा सकता है.

इस समय आलू की बुआई का काम चल रहा है और इसमें पोटैटो प्लांटर मशीन आपकी बहुत मदद कर सकती है. आलू की बुआई में श्रम लागत अधिक होती है, लेकिन पोटैटो प्लांटर मशीन से आलू की बुआई, उर्वरक का उपयोग और मेड़ निर्माण एक साथ किया जा सकता है, जिससे श्रम लागत में काफी बचत होती है. यह मशीन बीजों को निर्धारित गहराई पर गिराकर फिर मिट्टी से ढंक देती है, जिससे आलू के अंकुरण की क्षमता में वृद्धि होती है. इन मशीनों के उपयोग से किसान तेजी से और सही तरीके से बुआई करके फसलों से अधिक पैदावार ले सकते हैं.

कम खर्च में आलू की बुआई जल्दी कैसे निपटाएं 

आलू की बुवाई के लिए पोटैटो प्लांटर मशीनों को ट्रैक्टर से जोड़कर चलाया जाता है, जिससे बुआई के साथ-साथ उर्वरक का उपयोग और मेड़ निर्माण भी एक साथ हो जाता है. यह प्रक्रिया समय की बचत करती है और श्रम लागत में कमी लाती है. इस प्रक्रिया में दो प्रमुख मशीनें उपयोगी होती हैं. ऑटोमेटिक पोटैटो प्लांटर आसानी से संचालित किया जा सकता है. इसकी कीमत लगभग 1.5 लाख से 2 लाख रुपये तक होती है और इसे किराये पर भी लिया जा सकता है. सेमी- ऑटोमेटिक पोटैटो प्लांटर यह मशीन भी ट्रैक्टर से जुड़ी होती है, लेकिन इसमें कुछ मैनुअल प्रक्रिया शामिल होती है. इसमें आलू के बीजों को एक बॉक्स में डाला जाता है और मशीन पर बैठे व्यक्ति द्वारा कीप से बीजों को खेत में गिराया जाता है. इसकी कीमत 50 हजार से 1 लाख रुपये तक होती है और इसे भी किराये पर लिया जा सकता है.

सेमी- ऑटोमेटिक पोटैटो प्लांटर एक घंटे में एक एकड़ भूमि पर बुआई कर सकता है, जबकि ऑटोमेटिक मशीन बिना अतिरिक्त श्रमिक की मदद से यह कार्य कर सकती है. इन मशीन से प्रति एकड़ बुआई करने का खर्च लगभग 2000 रुपये आता है, जबकि मैन्युअल विधि से यह खर्च 5000 रुपये तक पहुंच जाता है. इस प्रकार, पोटैटो प्लांटर के उपयोग से प्रति एकड़ 3000 से 4000 रुपये की बचत हो सकती है.

एक मशीन से कई रबी फसलों की बुआई 

आज के समय में विभिन्न प्रकार की सीड ड्रिल मशीनों की जगह मल्टीक्रॉप प्लांटर जैसी आधुनिक मशीनों का उपयोग करके कई रबी फसलों की बुआई को सरल और कुशल बनाया जा सकता है. यह मशीन विशेष रूप से उन फसलों के लिए उपयोगी होती है, जिनके बीजों की दर कम होती है या जिनका आकार बड़ा होता है. इस मशीन में छह सीड बॉक्स होते हैं, जिनमें बीज गिराने वाली विशेष प्लेटें लगी होती हैं. विभिन्न फसलों जैसे मक्का, मूंगफली, सरसों, अरहर, सोयाबीन और चना के लिए अलग-अलग प्लेटों का उपयोग किया जाता है, जिससे बीज की दर सटीक रहती है और फसल का अंकुरण बेहतर होता है. मल्टीक्रॉप प्लांटर से बुआई की प्रक्रिया तेज होती है. बीज तथा उर्वरक की सही मात्रा के साथ खेत की तैयारी भी आसान हो जाती है. इससे श्रम लागत में कमी आती है और उत्पादन में वृद्धि होती है. इसकी कीमत 1.25 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक होती है, जो मशीन की कार्यक्षमता और आकार पर निर्भर करती है. किसान इसे खरीद सकते हैं या किराये पर लेकर भी उपयोग कर सकते हैं.

इस प्रकार एक मशीन से कई रबी फसलों की बुआई करने से न केवल समय और मेहनत की बचत होती है,बल्कि फसल की गुणवत्ता और पैदावार में भी सुधार होता है.

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