देश के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम.एल. जाट को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के नए महानिदेशक (डीजी) और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर) के सचिव नियुक्त किए गये है. कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आधिकारिक आदेश के अनुसार, मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने उनकी इस नियुक्ति को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है. यह नियुक्ति उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी होकर उनकी 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक जारी रहेगी वर्तमान में, डॉ. जाट हैदराबाद स्थित अंतर्राष्ट्रीय अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) में उपमहानिदेशक अनुसंधान के पद पर कार्यरत हैं. वे एक जाने-माने सिस्टम एग्रोनोमिस्ट हैं और विकासशील देशों में सिस्टम साइंस के क्षेत्र में उन्हें 25 वर्षों से भी अधिक का अनुभव है.
डॉ एमएल. जाट, पूर्व महानिदेशक डॉ हिमांशु पाठक की सेवानिवृत्ति के बाद, आईसीएआर के डीजी और डेयर के सचिव का अहम कार्यभार संभालेंगे. डॉ. पाठक ने आईसीएआर से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद 6 मार्च को ICRISAT के महानिदेशक के रूप में पदभार ग्रहण किया था. इसके बाद भारत सरकार के कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी को ICAR का महानिदेशक का चार्ज दिया गया था. आईसीएआर के नियमों के अनुसार, कृषि वैज्ञानिकों को सामान्यतः 62 वर्ष की आयु तक सेवा करने की अनुमति है. हालांकि, आईसीएआर के महानिदेशक के पद पर नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा 60 वर्ष निर्धारित है, क्योंकि इस पद पर आसीन व्यक्ति डेयर में सचिव के रूप में भी कार्य करता है. डॉ. जाट की नियुक्ति इन नियमों के अनुरूप ही की गई है.
डॉ एमएल जाट इससे पहले ICRISAT में, डॉ. जाट "लचीले खेत और खाद्य प्रणाली (RF & FS)" कार्यक्रम के वैश्विक अनुसंधान निदेशक के रूप में कार्यरत थे डॉ. जाट ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी कई महत्वपूर्ण संस्थानों में अपनी सेवाएं दी हैं. उन्होंने 13 वर्षों तक प्रतिष्ठित सीजीआईएआर (CGIAR) नेटवर्क में सक्रिय योगदान दिया. 12 साल तक CIMMYT यानी अंतरराष्ट्रीय मक्का और गेहूं सुधार केंद्र में सिस्टम एग्रोनोमिस्ट और सिस्टम साइंस स्ट्रैटजी लीड के रूप में सेवाएं दिया है . उन्होंने एक साल के लिए IRRI .यानी अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान में भी अपना योगदान दिया. इसके अतिरिक्त, उन्होंने 12 वर्षों तक ICAR के सिस्टम एग्रोनोमिस्ट के रूप में कार्य किया है.
डॉ. जाट ने आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली से वर्षा आधारित बाजरा में मृदा नमी संरक्षण के विषय पर पीएचडी की उपाधि ली हुई है. वे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी (NAAS) के फेलो हैं और उन्हें आईसीएआर के प्रतिष्ठित रफी अहमद किदवई पुरस्कार सहित अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है.उन्होंने संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (FAO )अंतरराष्ट्रीय सटीक कृषि सोसायटी (ISPA) और कई अन्य प्रतिष्ठित संस्थाओं में विभिन्न महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (DARE) के तहत एक स्वायत्त संगठन है.यह परिषद पूरे देश में कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन और संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान और शिक्षा के समन्वय, मार्गदर्शन और प्रबंधन के लिए सर्वोच्च निकाय के रूप में कार्य करती है, डॉ. जाट की नियुक्ति इस अहम संस्थान को रिसर्च की नई आशाए हैं.
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