मुर्गों के विरोध में आए लोग, गुजरात-महाराष्ट्र के मुर्गों की दिल्ली में एंट्री बैन करने की मांग 

मुर्गों के विरोध में आए लोग, गुजरात-महाराष्ट्र के मुर्गों की दिल्ली में एंट्री बैन करने की मांग 

गाजीपुर मुर्गा मंडी देश की सबसे बड़ी ब्रॉयलर चिकन की मंडी है. यहां से सबसे ज्यारदा पंजाब और हरियाणा के पोल्ट्री  फार्मर का मुर्गा सप्लाई होता है. यहीं से यूपी और राजस्थान तक मुर्गा सप्लाई होता है. मंडी से हर रोज करीब पांच लाख मुर्गों की बिक्री होती है.

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मुर्गों के विरोध में आए लोग, गुजरात-महाराष्ट्र के मुर्गों की दिल्ली में एंट्री बैन करने की मांग गाजीपुर मंडी में बाहरी मुर्गों की एंट्री का विरोध करते एसोसिएशन के लोग. फोटो क्रेडिट-चरनजीत सिंह

सुनने में ये बात बेहद अटपटी लगे, लेकिन हकीकत है. दिल्ली में मुर्गों का विरोध हो रहा है. वो भी खासतौर पर महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ के मुर्गों का. इसी के चलते आज बड़ी संख्या में लोग बाहरी मुर्गों का विरोध करने के लिए गाजीपुर मुर्गा मंडी, दिल्लीं पहुंच गए. मंडी के गेट पर बाहरी मुर्गों के खिलाफ नारेबाजी की. कुछ लोग ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे के पास खड़े हो गए, अगर बाहर की गाड़ी आएगी तो यहीं रोक लेंगे. इतना ही नहीं बाहरी मुर्गें मंगाने वाले दुकानदारों से भी कहा कि वह दिल्ली  से बाहर के मुर्गें न मंगाएं. उनका कहना था कि इससे पंजाब-हरियाणा के हजारों पोल्ट्री फार्मर का नुकसान हो रहा है. 

बाहर से मुर्गा आने के चलते एक दम से मुर्गों के रेट कम हो जाते हैं. गौरतलब रहे आज नॉर्थ इंडिया ब्रॉयलर प्रोडयूसर एसोसिएशन के अध्यक्ष चरन जीत सिंह के नेतृत्वम में लोग बाहरी मुर्गों का विरोध कर रहे थे. समस्या का समाधान ना निकलने तक एसेासिएशन ने प्रदर्शन और विरोध की चेतावनी दी है.वहीं बाहर से मुर्गा मंगाने वालों का कहना कि स्थानीय पोल्ट्री फार्मर की कुछ कमियों के चलते वो बाहर से मुर्गा मंगाने को मजबूर हुए हैं. 

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दिल्ली-पंजाब, हरियाणा वाले इसलिए कर रहे हैं मुर्गों का विरोध  

अध्यक्ष चरन जीत सिंह ने किसान तक को बताया कि बीते कुछ वक्तक से लगातार शिकायत मिल रही थी कि गाजीपुर मंडी में दूसरे राज्य यानि महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ से मुर्गें मंगाए जा रहे हैं. मौका लगते ही आठ से दस गाड़ियां मुर्गे लेकर गाजीपुर मंडी आ रही हैं. इसका असर ये पड़ा कि सावन में भी गाजीपुर मंडी का बाजार अच्छा चल रहा था. पोल्ट्री फार्मर को उसके मुर्गों के दाम भी ठीक-ठीक मिल रहे थे. जबकि सावन के चलते एक महीने के लिए चिकन बाजार बहुत सस्ता हो जाता है. लेकिन मंडी में आने वालीं इन गाड़ियों ने रेट खराब कर दिए हैं. जब भी बाहर की गाड़ियां आती हैं तो मंडी के रेट 10 से 15 रुपये तक टूट जाते हैं. 

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ब्रॉयलर प्रोडयूसर एसोसिएशन ने लगाए आरोप 

एसोसिएशन से जुड़े पोल्ट्री  फार्मर का आरोप है कि हर तीन या चार दिन बाद गुजरात, महाराष्ट्रू और छत्तीसगढ़ से मुर्गों की गाड़ियां मंगाई जा रही हैं. एक बार में आठ से दस गाड़ियां आ रही हैं. ये गाड़ियां मंडी में तब आती हैं जब गाजीपुर में पोल्ट्री  फार्मर को उसके मुर्गें के सही दाम मिल रहे होते हैं. इन तीनों राज्यों के मुकाबले मुर्गें की खपत गाजीपुर मंडी में ज्यादा है. ऐसे में गाड़ी आते ही मंडी वाले मुर्गें के दाम 10 से 15 रुपये किलो तक गिर जाते हैं. उनका आरोप है कि बीते कुछ वक्त से मंडी के दुकानदार, डीलर और एक बड़ी कंपनी की साजिश के चलते गाजीपुर मंडी को खत्म करने की साजिश हो रही है. 

 

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