दीनदयाल अंत्योदय योजना: कृषि-पोषण उद्यान पर NRLM ने आयोजित किया राष्ट्रीय परामर्श

दीनदयाल अंत्योदय योजना: कृषि-पोषण उद्यान पर NRLM ने आयोजित किया राष्ट्रीय परामर्श

इस कार्यक्रम में चरणजीत सिंह, अतिरिक्त सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मुख्य भाषण दिया और भूमिहीन स्वयं सहायता समूह गृहस्थों के दृष्टिकोण से स्थायी खेती-पोषण उद्यान और पशुपालन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया.

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दीनदयाल अंत्योदय योजना: कृषि-पोषण उद्यान पर NRLM ने आयोजित किया राष्ट्रीय परामर्शDeendayal Antyodaya Yojana- national rural livelihood mission

दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), ग्रामीण विकास मंत्रालय ने समुदाय-आधारित संगठन के माध्यम से संचालित एक ऑनलाइन कंसल्टेशन आयोजित किया गया, जिसमें स्थायी खेती-पोषण उद्यान और पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देकर पोषण सुरक्षा को बढ़ाने की बात की गई. इसके आयोजन में रोशनी सेंटर और एनआरएलएम (पीसीआई) सहायता की.

चरणजीत सिंह, अतिरिक्त सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मुख्य भाषण दिया और भूमिहीन स्वयं सहायता समूह गृहस्थों के दृष्टिकोण से स्थायी खेती-पोषण उद्यान और पशुपालन को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने साथ ही फसलों के बायो फोर्टिफिकेशन के माध्यम से कुपोषण और माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी पर काम करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया. स्मृति शरण जॉइंट सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय ने बताया कि खेती-पोषण उद्यान और पशुपालन गृहस्थों के लिए सस्ते पोषण समृद्ध भोजन का एक संभावित स्रोत हो सकता है.

अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान, अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान, एम एस स्वामीनाथन अनुसंधान संस्थान, हर्षा ट्रस्ट, सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम, प्रदान, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ गोट मैनेजमेंट, रिवाइटलाइजिंग रेनफेड एग्रीकल्चर नेटवर्क और वॉटरशेड सपोर्ट सर्विसेज और एक्टिविटीज नेटवर्क (वासन), ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया, ग्राम्य रिसोर्स सेंटर फॉर वीमेन, प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल, यूनिसेफ और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, बिहार और झारखंड के राज्य नेतृत्व और एक्सपर्ट ने अपने अनुभवों से दृष्टिकोण साझा किए. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, अन्य एजेंसियां और संस्थानों ने कंसल्टेशन में भाग लिया.

कंसल्टेशन में कहा गया कि समुदाय को क्षमता निर्माण के माध्यम से मज़बूत बनाना, स्थानीय फसलों के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना, बीज का प्रबंधन, कम्युनिटी किचर गार्डन और पशु स्वास्थ्य जोखिमों में कमी लाना बहुत महत्वपूर्ण है. इसके अलावा, पशु स्वास्थ्य की सेवाओं का विस्तार, उत्पादों के सेवन को प्रोत्साहित करने और सामाजिक और सांस्कृतिक अनुशासन के मुद्दों का समाधान करने के लिए सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन संचार के दृष्टिकोण भी महत्वपूर्ण हैं. साथ ही पोषण जागरूकता भी जरूरी है. इन विभिन्न विभागों और कार्यक्रमों की मदद से महिलाओं के पोषण को बेहतर बनाने के लिए सस्ते और स्थायी मॉडलों के लिए कारगर समाधान हो सकता है, जिससे आय और पोषण संबंधी परिणाम सुधारे जा सकते हैं.

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