Fasal Bima: फसल बीमा क्लेम को लेकर धरने पर बैठे किसान, हाईवे को भी किया जाम

Fasal Bima: फसल बीमा क्लेम को लेकर धरने पर बैठे किसान, हाईवे को भी किया जाम

किसान एकजुटता रैली में जिले भर के किसान शामिल हुए. जब किसान महापड़ाव शुरू हुआ था तब सरकार के अफसरों ने दस दिन का समय मांगा था और विश्वास दिलाया था कि सभी व्यवस्थाएं ठीक कर देंगे. मगर 68 दिन बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. इसी बात पर किसान विरोध कर रहे हैं.

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Fasal Bima: फसल बीमा क्लेम को लेकर धरने पर बैठे किसान, हाईवे को भी किया जामफसल बीमा क्लेम को लेकर धरने पर बैठे किसान

राजस्थान के चूरू में फसल बीमा क्लेम की मांग को लेकर धरने पर बैठे किसान बुधवार देर रात जिला कलेक्टर की कोठी के सामने मुख्य हाईवे की सड़क पर बैठ कर जाम लगा दिया. सड़क पर बैठे लोगों ने आने-जाने वाले वाहनों को रोककर प्रदर्शन किया. सूचना पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने सड़क पर बैठे किसानों से समझाया मगर किसान नहीं माने. किसानों ने करीब आधी रात तक सड़क पर बैठ कर प्रदर्शन किया. इस दौरान आने-जाने वाले वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा. वहीं आरएसी ने भी अपना मोर्चा संभाले रखा. धीरे-धीरे आक्रोशित किसानों ने कलेक्टर सर्किल की मुख्य सड़क पर अपना कब्जा जमा लिया जिनके आगे पुलिस भी बेबस नजर आई.

दरअसल, किसान आंदोलन के नाम पर आए युवकों ने मुख्य सड़क जो जयपुर, बीकानेर, दिल्ली को चूरू से जोड़ती है, वहां पर जमकर हुड़दंग किया. हुड़दंगियों ने न महिलाओं को छोड़ा न मरीजों को, और तो और, पुलिस के साथ भी बदसलूकी करते रहे. पुलिस भी इनके आगे सहमी लाचार दिखाई दे रही थी.

कलेक्ट्रेट का मुख्य गेट तोड़ने का प्रयास 

युवकों ने आधी रात तक हाईवे को जाम रखा और गुंडागर्दी करते रहे. इन सब को लेकर जब किसान नेता से पूछा तो गया तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि हमारे लोगों ने जाम नहीं लगाया. यही नहीं, हुडदंगई कर रहे युवक रेलवे ट्रैक पर भी सो गए जिनको जबरन उठा कर दूसरी तरफ ले जाया गया. उन्होंने ट्रेन को रोकने का प्रयास भी किया.

किसानों के नाम पर बदमाशी कर रहे युवकों के आगे पुलिस मूकदर्शक बनकर तमाशा देखती रही. विरोध में उतरे इन लोगों ने कलेक्ट्रेट का मुख्य गेट तोड़ने का भी प्रयास किया. साथ ही बैरिकेड को उखाड़ कर जाम लगा दिया और हाईवे को जाम किया. दरअसल, आंदोलन करने वाले किसान लावनी की क्रॉप कटिंग के आधार पर फसल बीमा 2021 का क्लेम और अन्य मांगों को लेकर जिला कलेक्ट्रेट के आगे धरने पर बैठे हैं.  

क्या है आंदोलन का पूरा मामला

जिला कलेक्ट्रेट के सामने क्रॉप कटिंग के आधार पर बीमा क्लेम सहित विभिन्न मांगों को लेकर किसानों ने एकजुटता महारैली का आयोजन किया. महारैली में जिले भर से बड़ी संख्या में किसान एकत्रित हुए. किसानों का कलेक्ट्रेट के घेराव का कार्यक्रम था. जिसको देखते हुए पुलिस को भारी संख्या में तैनात किया गया था. जिले के आला अधिकारियों सहित आरएसी को भी लगाया गया था. इसके अलावा बीकानेर से अतिरिक्त पुलिस फोर्स बुलाई गई थी. कलेक्ट्रेट के सामने से यहां व्यवस्था बनाए रखने के लिए जयपुर रोड के रास्ते को डायवर्ट किया गया था.

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68 दिन बाद भी स्थिति में सुधार नहीं

किसान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक धवले, किसान नेता कॉमरेड अमराराम और राज्य स्तरीय नेताओं ने एकजुटता रैली को संबोधित किया. किसान सभा के राज्य सदस्य एडवोकेट निर्मल प्रजापति ने बताया कि किसान एकजुटता रैली में जिले भर के किसान शामिल हुए. जब किसान महापड़ाव शुरू हुआ था तब सरकार के अफसरों ने दस दिन का समय मांगा था और विश्वास दिलाया था कि सभी व्यवस्थाएं ठीक कर देंगे. मगर 68 दिन बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. उन्होंने बताया कि किसानों का मुख्य मुद्दा खरीफ 2021 की फसल बीमा क्लेम को क्रॉप कटिंग की रिपोर्ट के आधार पर नहीं बल्कि सेटेलाइट के आधार पर देने की मांग है.

किसानों का बीमा किया गया रिजेक्ट 

जिले के 72 हजार किसानों का प्रीमियम बैंकों की लापरवाही से पोर्टल पर अपलोड नहीं हुआ. उस पर कोई अंतिम निर्णय अभी तक नहीं हुआ है. इसके अलावा 12 हजार किसानों की फसल बीमा पॉलिसी, बीमा कंपनियों के द्वारा बिना किसी वजह से रिजेक्ट कर दी गई है. उन पॉलिसी को स्वीकार करवाना मुख्य मुद्दे हैं जिन पर बुधवार तक सहमति नहीं बनी, इसलिए कलेक्ट्रेट का घेराव किया गया.

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