इन दिनों कृषि उपज मंडियों में अरहर की आवक सामान्य बनी हुई है. देश की कृषि उपज मंडियों में अरहर के भाव कहीं तेज तो कहीं नरम बने हुए हैं. सोमवार को देश की लगभग सभी मंडियों में अरहर की आवक सामान्य देखी गई है. मंडियों में रेट की बात करें तो सोमवार को राजकोट और गाजियाबाद की मंडियों में अरहर के सौदे मजबूती के साथ हुए. यूपी के ही फिरोजाबाद मंडी में अरहर के भाव नरम रहे जबकि जंबूसर मंडी में भाव में कोई बदलाव देखने को नहीं मिले. कृषि मंत्रालय के एगमार्कनेट के अनुसार, तीन जून को गुजरात की राजकोट मंडी में अरहर का भाव 8500 रुपये क्विंटल रहा. दो दिन बाद पांच जून को इसके भाव में 250 रुपये का उछाल आया और कीमत 8750 रुपये पर पहुंच गई.
गुजरात की ही जंबूसर मंडी में अरहर के भाव स्थिर देखे जा रहे हैं. तीन जून को अरहर दाल जहां 7800 रुपये प्रति क्विंटल पर बिकी, वही पांच जून को इसके दाम में कोई बदलाव नहीं देखा गया और कीमत 7800 रुपये दर्ज की गई. उधर यूपी की फिरोजाबाद मंडी में सोमवार को अरहर का मिलाजुला कारोबार हुआ. तीन जून को इस मंडी में अरहर का भाव 6830 रुपये प्रति क्विंटल था जो पांच जून को 10 रुपये लुढक कर 6820 रुपये क्विंटल पर पहुंच गया.
गाजियाबाद मंडी में तीन जून को अरहर का भाव रहा 7500 रुपये क्विंटल जबकि दो दिन बाद पाचं जून को इसका रेट 7700 रुपये दर्ज किया गया. एगमार्कनेट के आंकड़ों के अनुसार, यूपी की कर्वी मंडी में तीन जून को अरहर का भाव 7100 रुपये था जो पांच जून को बढ़कर 7150 रुपये प्रति क्विंटल हो गया.
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अब बात अरहर की पैदावार की. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल अरहर की पैदावार में कमी देखने को मिल सकती है. कृषि मंत्रालय के तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक, साल 2022-23 में खरीफ अरहर की पैदावार 34.30 लाख टन होने की उम्मीद है जबकि ठीक एक साल पहले इसी अवधि में अरहर का उत्पादन 42.20 लाख टन दर्ज किया गया था. यह आंकड़ा एपीडा की रिपोर्ट पर आधारित है. इस तरह मौजूदा साल में खरीफ अरहर की पैदावार में लगभग आठ लाख टन की कमी दर्ज की जा सकती है. इससे अरहर के बाजार भाव पर असर देखा जा सकता है. अरहर के रेट इस साल बढ़ सकते हैं.
दूसरी ओर, इस साल देश से दालों के निर्यात में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली है. एपीडा के एक आंकड़े के मुताबिक, 2022-23 के अप्रैल से फरवरी के बीच अरहर का निर्यात 6,44,122 टन पर पहुंच गया है जबकि पिछले साल ठीक इसी अवधि में यह निर्यात 3,42,550 टन हुआ था. यानी इस साल अभी तक अरहर के निर्यात में तीन लाख टन से अधिक निर्यात में बढ़ोतरी देखने को मिली है.
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अब सवाल है कि आगे अरहर के भाव किस ओर जाएंगे. इस बारे में कमोडिटी एक्सपर्ट साहिल गोयल 'डीडी किसान' से कहते हैं, पिछले हफ्ते सभी मंडियों में अरहर का कारोबार मिले जुले रुख के साथ हुआ है. मांग की बात करें तो पिछले साल से अधिक इस वर्ष अरहर की मांग बनी हुई है. अभी तक इसमें सात फीसद की तेजी देखी जा रही है. निर्यात में भी 10-15 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली है. मॉनसून के चलते अरहर के भाव में लगातार वृद्धि देखी जा रही है. आने वाले समय में भी अरहर के भाव में मजबूती का दौर देखा जाएगा.
साहिल गोयल कहते हैं कि अभी जिस तरह से अरहर में तेजी है, उसे देखते हुए किसान अपनी उपज को बढ़ा कर बेच सकते हैं. जून-जुलाई में अरहर के भाव में 150 से 250 रुपये तक तेजी देखने को मिल सकती है. जिस तरह से अच्छे मॉनसून का अनुमान लगाया जा रहा है, उसे देखते हुए जुलाई-अगस्त में अरहर का भाव 350 से 400 रुपये तक बढ़ सकता है. ऐसे में किसान को थोड़ा इंतजार करना चाहिए और बढ़त मिलने पर ही अरहर की बिक्री करनी चाहिए.
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