आंध्र प्रदेश में 20 लाख एकड़ में नहीं हुई धान की खेती? BJP ने CM रेड्डी पर क्यों लगाया बड़ा आरोप

आंध्र प्रदेश में 20 लाख एकड़ में नहीं हुई धान की खेती? BJP ने CM रेड्डी पर क्यों लगाया बड़ा आरोप

बीजेपी नेता ने कहा कि सरकार जीओ जारी करके कंपनियों को पानी मुहैया करा रही है, जबकि रायलसीमा क्षेत्र में सिंचाई जरूरतों की अनदेखी की जा रही है. इसके अलावा मायलावरम से भारती सीमेंट्स को पानी की आपूर्ति की जा रही है. हालांकि, किसी दूसरी कंपनी के पास यह सुविधा नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार किसानों को पलायन के लिए मजबूर कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा इस मुद्दे को उजागर करने के लिए राज्य भर में विरोध- प्रदर्शन करेगी.

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आंध्र प्रदेश में 20 लाख एकड़ में नहीं हुई धान की खेती? BJP ने CM रेड्डी पर क्यों लगाया बड़ा आरोपआंध्र प्रदेश में किसान 20 लाख एकड़ में नहीं कर पाए धान की खेती. (सांकेतिक फोटो)

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव वाई सत्य कुमार ने कहा है कि आंध्र प्रदेश में किसानों का हाल बहुत ही खराब है, क्योंकि सरकार की तरफ से किसी तरह की मदद नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसान सूखे से प्रभावित हैं. किसानों को फसलों की सिंचाई करने के लिए प्रयाप्त मात्रा में पानी भी नहीं मिल रहा है. इसके बावजूद भी राज्य सरकार किसानों की चिंता नहीं कर रही है. वाई सत्य कुमार ने कहा कि इस साल पानी के अभाव में लाखों एकड़ जमीन में किसान धान की खेती नहीं कर पाए. इससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान हुआ है.

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ने मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और मुख्य सचिव केएस जवाहर रेड्डी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रदेश में सूखे के हालात के लिए दोनों अलग- अलग बयान जारी करते हैं. इससे जनता भ्रमित हो गई है. उनके अनुसार जगन मोहन रेड्डी कहते हैं कि राज्य में कोई सूखा क्षेत्र नहीं है, जबकि जवाहर रेड्डी सूखे की व्यापकता को स्वीकार करते हैं. वहीं, कृषि मंत्री काकानी गोवर्धन रेड्डी अलग तरह का बयान देते हैं. इससे स्पष्ट होता है कि अधिकारियों और राजनीतिक नेतृत्व के बीच कोई समन्वय नहीं है. ऐसे में किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.

किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है

वाई सत्य कुमार ने कहा कि क्या मुख्यमंत्री को इस बात की जानकारी नहीं है कि इस बार राज्य में सूखे की वजह से 30 लाख एकड़ में किसानों ने किसी भी फसल की खेती नहीं की. सबसे अधिक धान उत्पादक किसानों को नुकसान हुआ है, क्योंकि 20 लाख एकड़ में सिंचाई के अभाव में किसानों ने धान की बुवाई नहीं की. इसके बावजूद भी सरकार ने सूखे को कम करने के लिए कोई तत्कालीक योजना तैयार नहीं की है. उन्होंने कहा कि बहुत ही दुख की बात है कि मुख्यमंत्री प्रदेश में सूखे की स्थिति को स्वीकार नहीं कर रहे हैं. वह इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने और इस संकट से निपटने के लिए सुझाव मांगने की स्थिति में भी नहीं हैं. 

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पानी की सप्लाई पूरी तेजी से कर रही है

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव वाई सत्य कुमार की माने तो राज्य में 400 मंडल सूखाग्रस्त थे. लेकिन सरकार इसकी घोषणा करने को तैयार नहीं थी. जबकि, सरकार को सूखा प्रभावित मंडलों के लिए केंद्र सरकार के पैसों का उपयोग किसानों की भलाई में करनी चाहिए. लेकिन सरकार इसमें भी विफल है. उनकी माने तो जगन मोहन रेड्डी की सरकार किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं, लेकिन अपनी कंपनियों को पानी की सप्लाई पूरी तेजी से कर रही है.

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