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ओडिशा में धान खरीद में फर्जीवाड़े का खुलासा, अवैध जमीन का रजिस्ट्रेशन करा रहे किसान

ओडिशा में धान खरीद में फर्जीवाड़े का खुलासा, अवैध जमीन का रजिस्ट्रेशन करा रहे किसान

धान की बिक्री के लिए पंजीकृत किसानों के खेतो का कृषि विभाग ने सैटेलाइट से सर्वे कराया. इस सर्वेक्षण के बाद बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है. सैटेलाइट सर्वे में पाया गया कि  किसानों ने ऐसी जमीन पर धान की खेती का दावा किया है जहां पर धान की खेती नहीं हुई है.

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ओडिशा में धान खरीद में फर्जीवाड़े का खुलासा                                           सांकेतिक तस्वीर ओडिशा में धान खरीद में फर्जीवाड़े का खुलासा सांकेतिक तस्वीर

ओडिशा में कई जिलों में धान की फसल कटाई के लिए तैयार है पर किसान नहीं काट रहे हैं क्योंकि अभी तक राज्य धान की खरीज शूरू नहीं हुई है. हालांकि सरकार ने इस बार धान खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए धान खरीद से पहले ही किसानों का पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया गया है. अब धान बेचने से पहले ही किसानों को लैंपस पैक्स में जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होता है, जिसमें जमीन से संबंधित जानकारी भी जमा करनी पड़ती है. इस बार एमएसपी पर धान बेचने के लिए रायगढ़ा जिले के 22,683 किसानों ने पंजीकरण कराया था. पर जब इन किसानों का सत्यापन किया गया तो इनमें से 657 किसान फर्जी पाए गए हैं. यानी इन किसानों ने गलत जानकारी दी है.

दरअसल इसका खुलासा तब हुआ जब धान की बिक्री के लिए पंजीकृत किसानों के खेतो का कृषि विभाग ने सैटेलाइट से सर्वे कराया. इस सर्वेक्षण के बाद बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है. सैटेलाइट सर्वे में पाया गया कि  किसानों ने ऐसी जमीन पर धान की खेती का दावा किया है जहां पर धान की खेती नहीं हुई है. ऐसे जमीनों की संख्या 20,442 जिसके बारे में किसानों ने झूठा दावा किया है. भूखंडों के अधिकारिक रिकॉर्ड में लैंपस के अंतर्गत आने वाले भूखंडों की संख्या सबसे अधिक है.    

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फर्जीवाड़ा करने वाले किसानों की खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई

न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक नाम न छापने की शर्त पर लैम्प्स के एक अधिकारी ने कहा कि फर्जी जमीन की यह  समस्या लंबे समय से बताई जा रही थी. हालांकि जो फर्जी किसान पकड़े गए हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिसके कारण इस स्थिति का फायदा उठाते हुए धोखाधड़ी का ये सिलसिला अभी भी जारी है. जिससे प्रशासन को महत्वपूर्ण तौर पर आर्थिक नुकसान हो रहा है. किसानों द्वारा किए जा रहे फर्जीवाड़े का खुलासा सैटेलाइस सर्वेक्षण से हो रहा है और अलग-अलग लैंपस के अधिकारी इसका सत्यापन कर रहे हैं. साथ ही कृषि विभाग को भेजे जाने वाले साक्ष्य की ड्राफ्टीकरण कर रहे हैं. 

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रायगड़ा में 20 दिसंबर से शुरू होगी धान की खरीद

गौरतलब है कि रायगड़ा जिला प्रशासन मे जिले में धान खरीद शुरू करने के लिए 20 दिसंबर की तारीखतय की है. अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट रामेश्वर प्रधान की अध्यक्षता में जिला स्तरीय खरीद समिति ने खरीफ विपणन सीजन 2023-24 के लिए यह निर्णय लिया. हालांकि, एक किसान प्रतिनिधि, ए मलिकार्जुन ने आरोप लगाया कि पिछली खरीद में बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा था, और इस वर्ष उन चिंताओं को दूर किया जाना चाहिए. गौरतलब है कि पंजीकृत किसानों और खरीद लक्ष्य के बीच विसंगति पर चुप्पी साध ली गई है, जिससे किसानों में व्यापक आक्रोश है.