धान की बर्बाद फसल के बीच खड़ा पीड़ित किसान सरताज. फोटो क्रेडिट- आलमखेत में हरी लहलाती फसल को देखकर किसान सरताज आलम खुश था. ऐन वक्त पर फसल पकने के दौरान कोई रोग ना लग जाए, फसल को कीड़े ना खा जाएं इसके लिए उसने खेत में दवाई छिड़कने का कार्यक्रम तय किया. 19 सितम्बर को गांव के ही एक मजदूर को साथ लेकर खेत में दवाई छिड़कनी शुरू कर दी. थोड़ी देर बाद ही घर से फोन आने पर सरताज घर चला गया. मजदूर दवाई छिड़कता रहा. लेकिन जब दूसरे दिन किसान खेत पर पहुंचा तो फसल सूखी हुई थी.
बस उतनी ही फसल हरी थी और लहलहा रही थी जिस पर उसने अपने सामने दवाई का छिड़काव कराया था. किसान ने थाना छपार, मुजफ्फरनगर में नामजद तहरीर दी है. लेकिन किसान का आरोप है कि पुलिस ने अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया है.
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किसान सरताज ने फोन पर किसान तक को बताया, मैं खेत पर खड़े होकर दवाई का छिड़काव करवा रहा था. तभी मेरे घर से फोन आया कि तुम्हातरी भाभी का इंतकाल (देहांत) हो गया है. मैं मजदूर नईम को खेत के बारे में सारी बात समझाकर घर चला गया. घर में गमी के चलते दवा छिड़कने के दौरान खेत में नहीं जा पाया. लेकिन जब दूसरे दिन खेत पर गया तो फसल को देखकर दंग रह गया. कल तक धान की जो फसल हरी थी और लहलहा रही थी वो अब सूखकर पीली पड़ चुकी थी. पूरे ही पांच बीघा खेत का यही हाल था. बस थोड़े से उस हिस्से की फसल हरी थी जिस पर मैंने अपने सामने दवाई का छिड़काव कराया था.
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ये सब देखकर मैंने मजदूर नईम को खेत पर बुलाया. जब मैंने उससे इस बाबत पूछा तो उसने बताया कि उसे तो जैसे दवा का छिड़काव करने को कहा गया था उसने वैसे ही दवाई लगाई है. लेकिन फिर याद करने पर उसने बताया कि जब वो खेत पर दवाई लगा रहा था तो बराबर वाले खेत से जहांगीर पुत्र मूसा और उसके साथ एक अन्य व्यक्ति खेत पर आए और कोल्ड ड्रिंक पीने लगे. उसे भी कोल्ड ड्रिंक पिलाई. कोल्ड ड्रिंक पीकर वो दवाई छिड़कने खेत के दूसरे सिरे पर चला गया. जब और दवाई लेने आया तो देखा कि बर्तन में दवाई का रंग बदला हुआ था.
पास में एक खाली बोतल भी पड़ी हुई थी. जब उसने इस बारे में जहांगीर से पूछा तो उसने कहा कि दवाई का रंग तो ऐसे ही इस्तेमाल करते-करते बदल जाता है. उस वक्त उसने इतना गौर नहीं दिया और दवा छिड़कने लगा. जहांगीर भी वो खाली बोतल लेकर चला गया. नईम भी काम खत्म कर घर चला गया.
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