वैलेंटाइन्स डे पर गुलाब किसानों की बढ़ी कमाई, सप्लाई घटने से रेट में आया बंपर उछाल

वैलेंटाइन्स डे पर गुलाब किसानों की बढ़ी कमाई, सप्लाई घटने से रेट में आया बंपर उछाल

इस बार बारिश ज्यादा होने से सभी किसानों को लगा कि ठंडी ज्यादा पड़ेगी. इसे देखते हुए किसानों ने गुलाब में 55 दिनों में फूल आने के हिसाब से फसल की तैयारी की थी. लेकिन इसका प्रोडक्शन कम ठंड की वजह से पहले आ गया. पौधों में जल्द फूल आने से उसे घरेलू मार्केट में बेचना पड़ा. बाद में जब फूल को निर्यात करने की बारी आई तो माल की कमी पड़ गई.

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वैलेंटाइन्स डे पर गुलाब किसानों की बढ़ी कमाई, सप्लाई घटने से रेट में आया बंपर उछालValentine day पर गुलाब की मांग बढ़ी

वैलेंटाइन्स डे से पहले गुलाब की मांग बढ़ गई है. इससे किसानों में खुशी है. महाराष्ट्र में गुलाब की खेती बड़े पैमाने पर होती है जहां किसान वैलेंटाइन्स डे पर बिक्री के लिए लंबे दिनों से तैयारी कर रहे हैं. अब उनके फूल बाजारों में निकल रहे हैं जिससे उनकी कमाई बढ़ रही है. हालांकि गुलाब के व्यापारियों का कहना है कि इस बार बाजार में गुलाब का रेट मिलाजुला है. पुणे के एक व्यापारी ने ANI से कहा कि इस बार गुलाब का बिजनेस कुछ खुशी कुछ गम जैसा है. उन्होंने बताया कि इस मौसम का प्रभाव गुलाब की खेती पर दिखा है.

व्यापारी ने कहा, इस बार बारिश ज्यादा होने से सभी किसानों को लगा कि ठंडी ज्यादा पड़ेगी. इसे देखते हुए किसानों ने गुलाब में 55 दिनों में फूल आने के हिसाब से फसल की तैयारी की थी. लेकिन इसका प्रोडक्शन कम ठंड की वजह से पहले आ गया. पौधों में जल्द फूल आने की वजह से उसे घरेलू मार्केट में बेचना पड़ा. बाद में जब फूल को निर्यात करने की बारी आई तो माल की कमी पड़ गई.

सप्लाई घटने से बढ़ गए रेट

व्यापारी ने आगे कहा, एक्सपोर्ट में कमी आने से घरेलू बाजार में फूलों का दाम बढ़ गया. फूल वैलेंटाइन्स डे से पहले ही बाजारों में आने लगे. जैसे-जैसे यह दिन नजदीक आता गया, किसानों के पास फूल की कमी होने लगी. इस कमी की वजह से घरेलू बाजार में सप्लाई कम हो गई और जो माल बचा, उसका रेट अधिक हो गया. किसानों के पास जो कुछ फूल बचा है, उसका बढ़िया रेट मिल रहा है.

व्यापारी के मुताबिक, किसानों को एक्सपोर्ट से जितना फायदा होता है, वैसा ही फायदा इस बार घरेलू मार्केट में मिला क्योंकि माल कम होने से सप्लाई कम पड़ी और जिन किसानों के पास फूल थे, उन्होंने अच्छे रेट पर बेचे. यह बिक्री अच्छे रेट पर जारी है. पुणे के मावल से 30 लाख फूलों का बंच कई देशों को निर्यात किए गए हैं जिनमें ऑस्ट्रेलिया, जापान, नेदरलैंड्स, दुबई, मलेशिया और फिलीपींस जैसे देश शामिल हैं. इसके अलावा घरेलू बाजारों में 55-60 लाख फूलों को बेचा गया है.

100 करोड़ के गुलाब का बिजनेस

व्यापारी ने बताया कि इस बार पुणे के मावल से 100 करोड़ रुपये के गुलाब का व्यापार हो चुका है. हालांकि व्यापारी बिजनेस में आ रही कुछ परेशानियों को भी उजागर करते हैं और सरकार से इसे सुलझाने की मांग करते हैं.व्यापारी ने कहा कि कोविड के टाइम में एक्सपोर्ट के खर्च में बहुत अधिक वृद्धि हुई. एयरलाइनों का किराया बढ़ गया. लेकिन कोविड खत्म होने के बावजूद वह रेट कम नहीं हुआ. सरकार का इस पर ध्यान नहीं है.

सरकार से व्यापारियों की गुहार

व्यापारी के मुताबिक, फूलों का कारोबार करने वाले लोगों को तीन गुना अधिक खर्च करना पड़ रहा है. इसे देखते हुए भारत के एक्सपोर्टर कुछ नाराज चल रहे हैं. केन्या जैसे देश के ग्राहक दूसरे देशों से माल उठा रहे हैं क्योंकि उन्हें सस्ता माल मिल रहा है. बाकी देशों में लॉजिस्टिक पर सब्सिडी दी जा रही है जिससे उनका माल सस्ता पड़ रहा है. भारत में लॉजिस्टिक पर अधिक खर्च हो रहा है जिससे विदेशों में माल कम जा रहा है. इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए. अगर सरकार इसमें रियायत दे तो फूलों का निर्यात बढ़ सकता है.

 

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