Onion Price: महाराष्ट्र के थोक और खुदरा दोनों बाजारों में प्याज की कीमतों में भारी गिरावट आई है, जिससे आम लोगों को राहत मिली है, लेकिन किसान परेशान हैं. इस साल बंपर फसल की वजह से आपूर्ति बहुत ज़्यादा हो गई है, जिससे मांग बहुत ज्यादा हो गई है और कीमतें कुछ महीने पहले की तुलना में बहुत कम हो गई हैं. कुछ महीने पहले प्याज के भाव इतना बढ़ गए थे कि आम लोगों की रसोई का बजट बिगड़ गया था. इससे पार पाने के लिए सरकार ने खुले बाजार में प्याज की खेप उतारी थी. यहां तक कि प्याज के निर्यात को भी रोक दिया गया था. मगर अब दाम के मोर्चे पर आम लोगों को राहत मिली है.
बारिश के कारण बड़ी मात्रा में किसानों ने प्याज बेचने के लिए निकाले हैं. अचानक खुदरा मंडी में बड़े पैमाने पर प्याज आने के बाद अचानक दामों में गिरावट आई है. मुंबई की मंडी में महाराष्ट्र के नाशिक, नगर पूना जैसी जगहों से प्याज आता है. हर रोज सुबह इस प्याज के दाम तय होते हैं. जो प्याज 30 से 40 रुपये के भाव से बिक रहा था, वही दाम अभी आधे से ज्यादा कम हो गए हैं. 7 रुपये से 17 रुपये किलो के हिसाब से खुदरा मंडी में प्याज बिक रहा है.
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मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) को प्याज की आपूर्ति करने वाली वाशी की कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) में थोक कीमतें फरवरी में 35 से 40 प्रति किलोग्राम से गिरकर मई में सिर्फ 7 रुपये से 17 प्रति किलोग्राम रह गई है. खुदरा कीमतें भी इसी तरह से गिरकर 45 रुपये प्रति किलोग्राम से लगभग 25 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई है. कुछ स्थानीय बाजारों में तो प्याज और भी कम कीमत पर मिल रहा है. तो कहीं छोटे रिटेल व्यापारी ज्यादा भाव से बेच रहे हैं, ऐसा खुदरा व्यापारियों का कहना है.
प्याज के व्यापारी मनोहर तोतलानी ने कहा कि भारी आवक जारी रहने और मांग में कमी के कारण कीमतों में और गिरावट जारी रह सकती है. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में प्याज के दाम और भी गिर सकते हैं क्योंकि सप्लाई अधिक चल रही है.
वाशी एपीएमसी के थोक विक्रेता अशोक कार्पे ने बताया, "पिछले साल किसानों को प्याज की फसल के अच्छे दाम मिले थे, इसलिए उन्होंने इस सीजन में ज्यादा मुनाफे की उम्मीद में इसकी खेती बढ़ा दी." "लेकिन उत्पादन लगभग दोगुना हो गया है और बाजार में प्याज की मात्रा इतनी नहीं है. हर दिन हमें प्याज ले जाने वाली 170 से ज्यादा गाड़ियां मिल रही हैं, जबकि आम तौर पर 90 से 100 गाड़ियां आती हैं."
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उन्होंने कहा कि ग्रामीण महाराष्ट्र में हाल ही में हुई बेमौसम बारिश ने किसानों को अपना भंडारित स्टॉक खराब होने से बचाने के लिए बाहर निकालने पर मजबूर कर दिया है, जिससे अधिक आपूर्ति और बढ़ गई है. मुख्य आपूर्ति नासिक, अहमदनगर, संगमनेर और पुणे से आ रही है. अशोक कार्पे ने बताया, बाजार को स्थिर करने में मदद करने के लिए, केंद्र सरकार ने अप्रैल में प्याज पर 20% निर्यात शुल्क माफ कर दिया. हालांकि, किसानों का कहना है कि यह निर्णय बहुत देर से लिया गया.(नीलेश एन पाटिल की रिपोर्ट)
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