किसानों से चावल खरीद में आई बड़ी तेजी, बफर स्टॉक में भी 4 गुना से अधिक उछाल

किसानों से चावल खरीद में आई बड़ी तेजी, बफर स्टॉक में भी 4 गुना से अधिक उछाल

2023-24 के मार्केटिंग सीजन में राज्यों में सरकारी एजेंसियों ने किसानों से 780 लाख टन से अधिक धान की खरीद की थी. इससे देश में चावल के स्टॉक में बड़ी वृद्धि दर्ज की गई है जहां केंद्र सरकार के सेंट्रल पुल में 680 लाख टन से अधिक चावल है. बफर स्टॉक के लिहाज से देखें तो चावल की यह पांच गुना अधिक मात्रा है क्योंकि लगभग 130 लाख टन चावल रखने का ही नियम है.

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किसानों से चावल खरीद में आई बड़ी तेजी, बफर स्टॉक में भी 4 गुना से अधिक उछालचावल खरीद में आई तेजी

धान खरीद के पिछले पांच महीनों में अच्छी तेजी देखी गई है. देश के प्रमुख धान उगाने वाले राज्यों में इसकी खरीद तकरीबन 680 लाख टन तक पहुंच गई है. एक साल में यह 4.3 परसेंट की उछाल है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले दो महीने में धान की खरीद का आंकड़ा 730 लाख टन तक पहुंच सकता है. चावल के लिहाज से देखें तो यह आंकड़ा लगभग 500 लाख टन तक जाएगा. इससे देश का अन्न भंडार भरेगा और खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी.

2023-24 के मार्केटिंग सीजन में राज्यों में सरकारी एजेंसियों ने किसानों से 780 लाख टन से अधिक धान की खरीद की थी. इससे देश में चावल के स्टॉक में बड़ी वृद्धि दर्ज की गई है जहां केंद्र सरकार के सेंट्रल पुल में 680 लाख टन से अधिक चावल है. बफर स्टॉक के लिहाज से देखें तो चावल की यह पांच गुना अधिक मात्रा है क्योंकि लगभग 130 लाख टन चावल रखने का ही नियम है.

एफसीआई की चावल खरीद जारी

केंद्र सरकार की एजेंसी फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी FCI राज्यों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 380 लाख टन चावल सप्लाई करता है. चावल को स्टॉक में रखने और उसके एमएसपी में वृ्द्धि होने से एफसीआई का चावल पहले से महंगा हो गया है. पिछले साल जहां इसकी कीमत 3931 रुपये प्रति क्विंटल थी तो वहीं इस साल भाव 3975 रुपये क्विंटल हो गया है. 

अधिकारियों ने बताया कि एफसीआई ने 20 लाख टन से अधिक चावल इथेनॉल के लिए दिया है. इसके अलावा 10 लाख टन से अधिक चावल 2250 रुपये प्रति क्विंटल के सब्सिडी रेट पर बेचा गया है.

अधिकारियों ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (FCI) और राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा 2024-25 सीजन के लिए 2300 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के तहत किसानों से रबी की फसल के लिए धान खरीदने का काम जारी रहेगा. कुछ राज्य - आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में अगले कुछ महीनों तक खरीद जारी रहेगी.

पंजाब में सबसे अधिक खरीद

एक अधिकारी ने 'फाइनेंशियल एक्सप्रेस' से कहा, "इस सीजन के लिए धान की खरीद आमतौर पर अप्रैल तक पूरी हो जाती है और केवल असम में आधिकारिक तौर पर जून तक काम जारी रहता है." इस सीजन में एजेंसियों द्वारा किसानों से खरीदे गए करीब 68 मीट्रिक टन धान में से पंजाब (17.33 मीट्रिक टन), छत्तीसगढ़ (10.44 मीट्रिक टन), ओडिशा (6.34 मीट्रिक टन), हरियाणा (5.37 मीट्रिक टन), तेलंगाना (5.39 मीट्रिक टन), उत्तर प्रदेश (5.74 मीट्रिक टन) और मध्य प्रदेश (4.35 मीट्रिक टन) शामिल हैं.

1 अक्टूबर से शुरू हुई खरीद की शुरुआत पंजाब और हरियाणा में धीमी रही क्योंकि वहां स्टोरेज के लिए जगह नहीं थी. एजेंसियों को इन राज्यों से चावल का स्टॉक निकालना पड़ा ताकि जगह बनाई जा सके.

 

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