Cotton Price: एमएसपी के पार पहुंचा कॉटन का दाम, जान‍िए क्या है सबसे बड़ी वजह?

Cotton Price: एमएसपी के पार पहुंचा कॉटन का दाम, जान‍िए क्या है सबसे बड़ी वजह?

खरीफ सीजन की प्रमुख फसल कॉटन का उत्‍पादन इस साल भी घटने का अनुमान है. यही वजह है कि इसके दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. महाराष्‍ट्र कपास का प्रमुख उत्‍पादक राज्‍य है. ऐसे में यहां कि मंडियों में कपास की कीमतें एमएसपी के पार चल रही हैं.

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Cotton Price: एमएसपी के पार पहुंचा कॉटन का दाम, जान‍िए क्या है सबसे बड़ी वजह?कपास का मंडी भाव. (सांकेतिक तस्‍वीर)

इस साल कॉटन (कपास) का उत्पादन प‍िछले साल के मुकाबले 25.96 लाख गांठ कम हो सकता है. एक गांठ में 170 किलो ग्राम कॉटन होता है. 2023-24 में कॉटन उत्पादन 325.22 लाख गांठ हुआ था, जबक‍ि 2024-25 में स‍िर्फ 299.26 लाख गांठ पर आकर अटक गया है. इस वजह से इस साल कॉटन का दाम एमएसपी से अध‍िक ही रहने का अनुमान है. मार्केट‍िंग सीजन 2024-25 के ल‍िए सरकार ने मीड‍ियम स्टेपल कॉटन की एमएसपी 7121 रुपये प्रत‍ि क्व‍िंटल तय की हुई है. महाराष्ट्र देश का प्रमुख कॉटन उत्पादक है. यहां की मंड‍ियों में कॉटन का भाव यही इशारा कर रहा है.

 मंडी  आवक (क्विंटल में)  न्‍यूनतम (रु./क्विंटल)  अधिकतम (रु./क्विंटल)  औसत (रु./क्विंटल)
अमरावती 79 7100 7450 7275
रालेगांव 15000 7000 7471 7080
दर्यापुर 300 7124 7421 7136
फूलंबरी 2152 7250 7550 7361
खामगांव 10209 7198 7421 7309
बारसी टाकली 10000 7421 7421 7421

महाराष्‍ट्र एग्रीकल्‍चर मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार, 23 दिसंबर 2024 को राज्‍य की विभिन्‍न मंडि‍यों में कपास का दाम इतना दर्ज किया गया.

गुजरात की मंडियों में मिल रहा यह भाव

वहीं, आज गुजरात के अमरेली की बाबरा मंडी में कपास की न्‍यूनतम कीमत 7050 रुपये, अध‍िकतम कीमत 7450 रुपये और औसत कीमत 7250 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज की गई. वहीं, जूनागढ़ की भेसाण मंडी में न्‍यूनतम कीमत 5000 रुपये, अध‍िकतम 7355 रुपये और औसत कीमत 7180 मिल रही है. इसके अलावा यहां राजकोट की जसदान मंडी में शंकर 6बी कॉटन की न्‍यूनतम कीमत 6750 रुपये, अध‍िकतम 7345 रुपये और औसत दाम 7200 रुपये मिल रहा है.

हर साल कम होता जा रहा रकबा

बता दें कि देश में पिछले कुछ सालों से कपास का रकबा घटता जा रहा है. इसकी वजह से उत्‍पादन पर भी असर पड़ रहा है. वहीं, गुलाबी सुंडी का हमला भी हर साल बड़ी मात्रा में कपास उत्‍पादन प्रभावित कर रहा है. किसान गुलाबी सुंडी का तोड़ न मिल पाने के कारण कपास की खेती करने से बच रहे हैं. ऐसे में वे वैकल्पिक फसल अपना रहे हैं.

15 दिसंबर तक 31 लाख गांठ कपास की खरीद हुई

वहीं, पिछले हफ्ते जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक,  भारतीय कपास निगम (CCI) ने दिसंबर मध्य तक कुल 31 लाख गांठ की खरीद की थी. CCI के मुताबिक, सबसे ज्‍यादा कपास तेलंगाना में खरीदी गई है. वहीं, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात समेत अन्य राज्यों में अभी किसानों से कपास की खरीद जारी है.

CCI ने इस सीजन 50 से 70 लाख गांठ खरीदने की उम्मीद जताई है. कॉटन ट्रेड बॉडी के अनुसार, मंडी में प्रतिदिन 2 लाख गांठ से अधिक कपास की आवक हो रही है. हालांकि, बंपर आवक के कारण कई मंडियों में कपास का भाव एमएसपी से कुछ प्रतिशत नीचे मिल रहे हैं.

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