Biodiversity park : गंगा की दो धाराओं के बीच बनेगा पार्क, ग्रह नक्षत्र देखकर लगेंगे पौधे, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

Biodiversity park : गंगा की दो धाराओं के बीच बनेगा पार्क, ग्रह नक्षत्र देखकर लगेंगे पौधे, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद में गंगा की दो धाराओं के बीच 40 हेक्टेयर जमीन में 6.28 करोड रुपए की लागत से जैव विविधता पार्क को मंजूरी मिल गई है. जिले में यह पार्क विदुर कुटी ऐतिहासिक मंदिर के पास बनने की तैयारी शुरू हो चुकी है.  महात्मा विदुर के मंदिर के पास से होकर गंगा की धारा को दो भागों में बांटकर बीच में ही यह जैव विविधता पार्क स्थापित होगा.

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Biodiversity park : गंगा की दो धाराओं के बीच बनेगा पार्क, ग्रह नक्षत्र देखकर लगेंगे पौधे, पढ़ें पूरी रिपोर्टबिजनौर में स्थापित होगा जैव विविधता पार्क

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद में गंगा की दो धाराओं के बीच 40 हेक्टेयर जमीन में 6.28 करोड रुपए की लागत से जैव विविधता पार्क को मंजूरी मिल गई है. जिले में यह पार्क विदुर कुटी ऐतिहासिक मंदिर के पास बनने की तैयारी शुरू हो चुकी है.  महात्मा विदुर के मंदिर के पास से होकर गंगा की धारा को दो भागों में बांटकर बीच में ही यह जैव विविधता पार्क स्थापित होगा. इस पार्क में नक्षत्र वाटिका ,पंचवटी वाटिका में ग्रह नक्षत्र के अनुसार पौधे भी लगाए जाएंगे. जिले में बनने वाला यह जैव विविधता पार्क लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करेगा. जैव विविधता पार्क के साथ-साथ एक कैनाल का निर्माण भी कराया जाएगा. यह पार्क कैनाल बनने के बाद गंगा की दो धाराओं के बीच में बनेगा जिसको पुल के माध्यम से लोग पहुंचकर घूम सकेंगे. जिलाधिकारी उमेश मिश्रा और डीएफओ अरुण सिंह ने पार्क की मंजूरी मिलने के बाद बैठक करके इसकी कार्य योजना पर तैयारी शुरू कर दी है. 

जैव विविधता पार्क में क्या होगा ख़ास 

बिजनौर के विदुरकुटी के पास 40 हेक्टेयर जमीन में बनने वाले जैव विविधता पार्क में ग्रह नक्षत्र के अनुसार पौधे लगाए जाएंगे. इस पार्क में नक्षत्र वाटिका, पंचवटी वाटिका का भी निर्माण होगा. इसमें फलदार और छायादार पौधे भी लगेंगे. इसके अलावा रूद्र वन में भगवान शिव से संबंधित पौधे लगाए जाएंगे. कल्पतरु वन में जलीय पौधों को विकसित किया जाएगा जिसमें कमल ,मछली, कछुआ रहेंगे. इसके साथ ही खुशबू देने वाले पौधे भी रोपे जाएंगे. इस पार्क में औषधि गुण वाले पौधों के साथ-साथ फलदार पौधे भी लगाए जाएंगे. पौधों के आगे बोर्ड पर उनकी विशेषताएं भी लिखी होंगी. इस पार्क में जगह-जगह सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे. पार्क को इस तरह विकसित किया जाएगा जिससे यहां मौजूद पौधों के महत्व से लोग परिचित हो सकें.

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जानें विदुर कुटी का ऐतिहासिक महत्व

बिजनौर जनपद में स्थित विदुर कुटी का ऐतिहासिक महत्व है. महाभारत का युद्ध शुरू होने से पहले महात्मा विदुर ने संन्यास लेकर गंगा किनारे अपना आश्रम बनाकर यहां रहने लगे. भगवान कृष्ण ने दुर्योधन के छप्पन भोग को त्याग कर महात्मा विदुर की कुटिया में जाकर बथुए का साग खाया था. यहां पर बथुआ आज भी 12 महीने मिलता है. इस कूटी में भगवान श्री कृष्ण की चरण पादुका आज भी रखी गई है. इस कुटी का ऐतिहासिक महत्व है जहां आज भी पूरे साल श्रद्धालुओं का ताता लगा रहता है.

 

 

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