महाराष्ट्र के लातूर से सरकारी सिस्टम की पोल खोलने वाली खबर सामने आ रही है. यहां एक सरपंच ने भारी बारिश और बाढ़ से कारण हुई फसल क्षति का आकलन (पंचनामा) करने में कथित रूप से विफल रहने पर अधिकारियों के प्रति अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए तहसीलदार पर नोटों के बंडल फेंक दिए. इसके बाद सरपंच के खिलाफ मामला दर्ज किया कर लिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि यह घटना गुरुवार को हुई. उन्होंने बताया कि नायब तहसीलदार की शिकायत पर मकनी के सरपंच राहुल मकानिकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जिसके बाद ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया.
एक अधिकारी ने बताया कि प्रशासन द्वारा फसल नुकसान का आकलन न करने से नाराज होकर, सरपंच मकानिकर ने तहसीलदार प्रसाद कुलकर्णी पर 10 और 20 रुपये के नोटों के बंडल फेंके. उस समय, उन्होंने कहा था कि सरकार बाढ़ प्रभावितों के साथ अन्याय कर रही है और यह पैसा राजस्व अधिकारियों और मुख्यमंत्री के लिए इकट्ठा किया गया था. उन्होंने बताया कि बाद में मकानिकर पुलिस स्टेशन पहुंचे और अधिकारियों को उन पर मामला दर्ज करने की चुनौती दी. हालांकि, अधिकारी ने बताया कि उनके कृत्य के कारण कुलकर्णी के नेतृत्व में राजस्व विभाग के कर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया और इसमें शामिल लोगों ने मकानिकर की गिरफ्तारी होने तक कोई काम करने से इनकार कर दिया.
अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारी राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने उप-विभागीय अधिकारी को 54 तलाठी, पांच उप तहसीलदार, 9 अंचल अधिकारी, 12 राजस्व लिपिकों, 44 कोतवाल और 6 चपरासियों के हस्ताक्षरों वाला एक ज्ञापन सौंपा. उप तहसीलदार प्रवीण अलंदकर की शिकायत पर मकानिकर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. शुक्रवार को, मकानिकर के निवासियों ने मारोती मंदिर हॉल में विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि मकानिकर और दो अन्य पर "अतिरंजित आरोपों" के तहत मामला दर्ज किया गया है.
वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों ने कथित तौर पर उकसावे के लिए एक उप तहसीलदार को हटाने की मांग की है और वे संरक्षक मंत्री से भी संपर्क करने की योजना बना रहे हैं. बता दें कि निलांगा तहसील के किसान अत्यधिक बारिश के प्रभाव से जूझ रहे हैं, जहां खेतों में तीन से चार फीट पानी भर गया है और फसलें नष्ट हो गई हैं. बाढ़ प्रभावित लोगों का दावा है कि अधिकारियों ने अभी तक 'पंचनामा' नहीं किया है. (सोर्स- PTI)
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