बाढ़ की भेंट चढ़ीं ग्लोबल मार्केट की 'फेवरेट' फसलें, विदेश भेजे जाने वाले फल हुए चौपट

बाढ़ की भेंट चढ़ीं ग्लोबल मार्केट की 'फेवरेट' फसलें, विदेश भेजे जाने वाले फल हुए चौपट

बाढ़ और बारिश के चलते देश भर में लाखों हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई है. महाराष्ट्र के किसानों को भारी नुकसान हुआ है जहां दलहन और बागवानी फसलों पर सबसे बुरा असर देखा गया है.

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बाढ़ की भेंट चढ़ीं ग्लोबल मार्केट की 'फेवरेट' फसलें, विदेश भेजे जाने वाले फल हुए चौपटमहाराष्ट्र में बाढ़ से बड़ा नुकसान

इस साल देशभर में सामान्य से अधिक बरसात देखी गई जिसका नतीजा ये हुआ कि देश के कई राज्यों में बाढ़ की स्थिति बन गई. अधिक बारिश और बाढ़ का सबसे बड़ा असर किसानों पर पड़ा. हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, पंजाब, बिहार के कुछ इलाके और महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर खेती बर्बाद हुई है. महाराष्ट्र में किसानों को अनाज और बागवानी फसलों का भारी नुकसान हुआ है.  महाराष्‍ट्र के बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए राष्‍ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) से अधिक सहायता जारी करने की मांग की गई है. महाराष्‍ट्र में लगातार बारिश के कारण 31 जिलों में करीब 50 लाख हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई है. इसके अलावा कई मीडिया रिपोर्ट्स ने 60-65 लाख हेक्टेयर भूमि की खेती बर्बाद होने की बात कही है. 

इन फसलों को सबसे अधिक नुकसान

बारिश के बाद महाराष्ट्र में कई फसलों को 100 फीसदी तक नुकसान हुआ है. इन फसलों में ज्यादातर फसलें पूरी तरह से तैयार हो चुकी थीं और इनकी कटाई की तैयारी शुरू हो रही थी, लेकिन प्रकृति किसानों पर आफत बन बरसी और फसल पूरी तरह से चौपट हो गई. आइए जान लेते हैं कि कौन सी फसलों पर सबसे अधिक नुकसान हुआ है. सोयाबीन, कपास, अरहर, मूंग, उड़द, कई जगह पर मक्का, संतरा, मौसंबी, अनार और केला पर सबसे अधिक नुकसान देखा गया है. विदर्भ और मराठवाड़ा के कई जिलों में बागवानी फसलें 100 फीसदी तक प्रभावित हुई हैं. 

वे फसलें खराब जो विदेशों में मांगी जाती हैं

महाराष्ट्र खेती-बाड़ी में काफी आगे रहा है. महाराष्ट्र वो राज्य है जिसकी बदौलत ग्लोबल मार्केट में भारत की धाक चलती है. हमने पहले भी बताया कि सबसे ज्यादा बुरा हाल मराठवाड़ा और विदर्भ के कुछ जिलों का है.नांदेड़, लातूर और सोलापुर सहित पश्चिम महाराष्ट्र से आने वाले अनार की खेती बड़े पैमाने में प्रभावित हुई है.

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अमरावती के वरुण तहसील में संतरे की सबसे मंडी है. यहां से और नागपुर से संतरा विदेशों में भेजा जाता है लेकिन बारिश की वजह से संतरे की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है. इसके अलावा जलगांव, अकोला, बुलढाना और अमरावती के केले की खेती भी बर्बाद हुई है. 

किसानों के लिए 1500 करोड़ रुपये जारी 

इस साल देश के कई राज्यों में बाढ़ के चलते किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. इसके बाद किसानों को सबसे बड़ी उम्मीद सरकार से है. प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से बताया गया कि राज्य सरकार ने मराठवाड़ा में मई से अगस्त तक फसल नुकसान का सामना करने वाले किसानों को मुआवजा देने के लिए 1,500 करोड़ रुपये जारी किए हैं. मुआवजे की राशि के भुगतान प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है और यह सीधे प्रभावित किसानों के खातों में भेजी जाएगी. इसके अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक चिट्ठी सौंपी है. जिसमें नुकसान की जानकारी देते हुए अन्य मदद की मांग की है. 

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