महाराष्ट्र के कृषि मंत्री दत्तात्रेय भारणे ने कहा है कि भारी बारिश और प्राकृतिक आपदाओं से हुई फसल क्षति के लिए नांदेड़ 100 प्रतिशत मुआवजा पाने वाला महाराष्ट्र का पहला जिला बन गया है. उन्होंने बताया कि 553.48 करोड़ रुपये की राहत राशि का वितरण सोमवार से शुरू हो गया है. मिट्टी कटाव और बाढ़ के बाद गाद से प्रभावित खेतों के लिए अतिरिक्त 20.81 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं. महाराष्ट्र के कृषि मंत्री ने एक बयान में कहा कि फसल नुकसान से प्रभावित किसानों की लिस्ट एक विशेष अभियान के जरिए सरकारी पोर्टल पर अपलोड की जा रही है और स्वीकृत राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी.
दत्तात्रेय भारणे ने कहा कि नांदेड़ पहला जिला है जहां भारी बारिश से प्रभावित किसानों की फसलों को 100 प्रतिशत राहत मिलेगी. जिले के आंकड़ों के अनुसार, 6,48,533 हेक्टेयर से ज़्यादा की फसलें बर्बाद हुईं, जिससे लगभग 7.74 लाख किसान प्रभावित हुए. कुल खरीफ बुवाई क्षेत्र का लगभग 86 प्रतिशत रकबा लगातार बारिश से प्रभावित हुआ है. सोयाबीन, कपास, अरहर, मूंग, उड़द, ज्वार, सब्ज़ियां, हल्दी और केले की फसलों को भारी नुकसान हुआ. वर्षा आधारित फसलों के लिए 8,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित फसलों के लिए 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और बागवानी फसलों के लिए 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा निर्धारित किया गया है.
महाराष्ट्र के कृषि मंत्री ने आगे कहा कि सरकार किसानों तक अधिकतम सहायता पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है. इससे पहले, प्रथम चरण में, सरकार ने जून और जुलाई के दौरान नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, हिंगोली, सोलापुर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में फसल क्षति के लिए 73.54 करोड़ रुपये मंजूर किए थे. भरणे ने कहा कि अगस्त से भारी बारिश के कारण फसल नुकसान हुआ जिसके लिए राहत उपायों के दूसरे चरण के तहत, नांदेड़ के लिए मुआवजे को मंजूरी दे दी गई है. साथ ही अन्य जिलों के लिए जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र के 30 जिलों के 654 राजस्व सर्किलों के 195 तालुकाओं में 19.5 लाख हेक्टेयर खरीफ फसलें प्रभावित हुई हैं. पिछले हफ्ते ही, महाराष्ट्र के कृषि मंत्री दत्तात्रेय भारणे ने कहा था कि अगस्त और सितंबर में भारी बारिश से महाराष्ट्र के 30 जिलों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बीते मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार को उम्मीद है कि दशहरा तक बारिश से प्रभावित किसानों को वित्तीय सहायता हस्तांतरित कर दी जाएगी. इन आंकड़ों के अनुसार सोयाबीन, मक्का, कपास, अरहर, उड़द, मूंग, सब्जियां, फल, बाजरा, गन्ना, प्याज, ज्वार और हल्दी को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. (सोर्स- PTI)
ये भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today