तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने शनिवार को कहा कि राज्य ने न केवल शिक्षा बल्कि कई अन्य क्षेत्रों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और कृषि के क्षेत्र में भी अग्रणी है. उन्होंने कहा कि सरकार की पहल और कृषि गतिविधियों को सुगम बनाने के लिए मेट्टूर जलाशय से समय पर पानी छोड़े जाने के कारण राज्य ने कृषि के क्षेत्र में प्रगति की है. उन्होंने कहा कि इन उपायों से चार सालों में 456 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है. इस साल 5.65 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती की गई है. मक्का, ज्वार, गन्ना और तिलहन उत्पादन में तमिलनाडु दूसरे स्थान पर है.
मुख्यमंत्री स्टालिन चेन्नई व्यापार केंद्र में कृषि विभाग के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय कृषि व्यवसाय एक्सपो 2025 का उद्घाटन करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने काजू उत्पादकों और श्रमिकों के कल्याण के लिए एक काजू बोर्ड का गठन किया है. कृषि व्यवसाय एक्सपो 2025 कृषि क्षेत्र में नवाचारों, तकनीकों और अवसरों को प्रदर्शित करने का एक प्रमुख मंच है. यह किसानों, कृषि उद्यमियों, शोधकर्ताओं, उद्योगों, निर्यातकों और निवेशकों को साझेदारी और बाजार संबंधों की संभावनाओं को तलाशने के लिए एक साथ लाता है.
दो दिवसीय कृषि व्यवसाय एक्सपो 2025 में लगाए गए स्टॉल कृषि खाद्य प्रसंस्करण तकनीकों को प्रदर्शित करते हैं और युवा उद्यमियों के लिए कृषि स्टार्टअप उद्यमों हेतु एक अलग स्टॉल स्थापित किया गया है. इस कार्यक्रम में, स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु ने न केवल शिक्षा में, बल्कि कृषि और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. कई लोग राज्य सरकार की उत्कृष्ट पहलों की प्रशंसा कर रहे हैं. स्टालिन ने बताया कि उन्होंने किसानों को वितरित करने के लिए पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध कराने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा. इस कार्यक्रम में कृषि मंत्री एम.आर.के. पन्नीरसेल्वम और वरिष्ठ अधिकारियों ने इसमें भाग लिया.
बता दें कि यह कृषि व्यवसाय एक्सपो का दूसरा संस्करण है, जिसका उद्देश्य उन्नत तकनीकों, मूल्य संवर्धन और कृषि एवं बागवानी उत्पादों के प्रसंस्करण के माध्यम से स्थानीय और निर्यात अवसरों का विस्तार करना है. इस आयोजन में संगोष्ठियां, चर्चाएं और उत्पादक-व्यापारी बैठकें होंगी, जिनसे किसानों, किसान-उत्पादक संगठनों, छात्रों, निर्यातकों, खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों और आम जनता को लाभ होगा. कृषि, बागवानी, कृषि विपणन और कृषि व्यवसाय, कृषि इंजीनियरिंग, चीनी, बीज प्रमाणीकरण और जैविक प्रमाणीकरण, पशुपालन, मत्स्य पालन जैसे तमाम विभाग इसमें सक्रिय रूप से भाग लेंगे. (सोर्स- PTI)
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