ग्लोबल मार्केट में सप्लाई बढ़ने से सोयाबीन और सोयामील की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है. इसका असर भारतीय बाजार के ऊपर भी पड़ा है. मध्य प्रदेश की कई मंडियों में बीन की मॉडल कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी नीचे चली गई हैं. इससे किसान लागत भी नहीं निकाल पा रहे हैं. उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है. वहीं, ट्रेड को लगता है कि वैश्विक कीमतों में गिरावट के कारण भारतीय सोयामील अंतरराष्ट्रीय बाजार में कंपटीशन से बाहर हो सकता है. इससे शिपमेंट धीमा हो सकता है.
बिजनेस लाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसओपीए) के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक ने कहा कि वैश्विक कीमतों में गिरावट आने से हम ग्लोबल मार्केट में पिछड़ रहे हैं. इससे आगे निर्यात को नुकसान होगा. पाठक ने कहा कि आपूर्ति बढ़ने से वैश्विक कीमतें करीब 100 डॉलर प्रति टन कम हो गई हैं.
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से दिसंबर 2023-24 तक सोयामील का निर्यात बढ़कर 12.1 लाख टन हो गया, जो पिछले वर्ष के 4.46 लाख टन से बहुत ज्यादा है. हाल के महीनों के दौरान अर्जेंटीना से निर्यात आपूर्ति में कमी से भारत को फायदा हुआ, जिसके चलते शिपमेंट में वृद्धि हुई. हालांकि, 16 जनवरी को भारतीय सोयामील की कीमतें कांडला से पूर्व 515 डॉलर प्रति टन थीं, जबकि अर्जेंटीना की कीमतें रॉटरडैम के लिए सीआईएफ आधार पर 483 डॉलर प्रति टन थीं.
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अर्जेंटीना और ब्राजील में उत्पादन में सुधार का असर आने वाले वर्ष में वैश्विक कीमतों पर पड़ेगा. दरअसल, सीबीओटी सोयामील निरंतर अनुबंध शुक्रवार को 1.26 प्रतिशत गिरकर 353.70 डॉलर पर था. वैश्विक रुझान को देखते हुए, सोयाबीन और सोयामील की घरेलू कीमतें, जो पिछले कुछ महीनों में बढ़ी थीं, हाल के हफ्तों में इस प्रवृत्ति को उलट दिया है. इंदौर में सोयामील की एक्स-फैक्ट्री कीमतें अब नवंबर के मध्य में 45,700-46,000 के मुकाबले 40,000-40,500 प्रति टन के आसपास मंडरा रही हैं, जो लगभग 12 प्रतिशत की गिरावट है.
इसी तरह, बेदी/कांडला बंदरगाह पर एफओबी कीमतें, जो नवंबर के मध्य में 47,250-47,750 रुपये के मौसमी उच्चतम स्तर पर थीं, अब 42,000-42,500 रुपये के आसपास मंडरा रही हैं, जो लगभग 11 प्रतिशत की गिरावट है. इसके अलावा मध्य प्रदेश की कई मंडियों में सोयाबीन की मॉडल कीमतें नीचे हैं और 3,800-4,730 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में हैं. खरगोन की मंडियों में गुरुवार को मॉडल कीमत 3,800 रुपये थी, जबकि नीमच में यह 4,700 रुपये थी.
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नवंबर के मध्य में, कई मंडियों में मॉडल कीमतें 4,800-5,200 रुपये के स्तर के बीच थीं. 2023-24 मार्केटिंग सीज़न के लिए सोयाबीन का एमएसपी 4,600 रुपये प्रति क्विंटल है. पाठक ने कहा कि इंदौर में उचित औसत गुणवत्ता वाले सोयाबीन की कीमत शुक्रवार को 4,585 रुपये थी, जो कुछ महीने पहले 4,785 रुपये थी. इग्रेन इंडिया के राहुल चौहान ने कहा कि खाद्य तेलों का रिकॉर्ड आयात घरेलू बाजारों में सोयाबीन की कीमतों को प्रभावित कर रहा है. उच्च खाद्य तेल आयात के कारण, घरेलू मिलों और क्रशरों की मांग बहुत कम है. इसके अलावा सोयाबीन और सरसों का उत्पादन भी बेहतर हो रहा है.
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