MSP गारंटी कानून नहीं तो वोट नहीं... सरदार वीएम स‍िंह की अगुवाई में क‍िसान संगठनों का ऐलान

MSP गारंटी कानून नहीं तो वोट नहीं... सरदार वीएम स‍िंह की अगुवाई में क‍िसान संगठनों का ऐलान

MSP गारंटी कानूनी मोर्च ने क‍िसान नेता सरदार व‍ीएम स‍िंंह की अगुवाई में एक बैठक द‍िल्ली में की है, ज‍िसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई है.

Advertisement
MSP गारंटी कानून नहीं तो वोट नहीं... सरदार वीएम स‍िंह की अगुवाई में क‍िसान संगठनों का ऐलान  द‍िल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारे में बैठक करते हुए MSP गारंटी मोर्चे के पदाध‍िकारी

फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून को लेकर क‍िसान संगठन एक बार फ‍िर एक्ट‍िव हाेने लगे हैं. इसी कड़ी में बीते रोज MSP गारंटी कानूनी मोर्च ने क‍िसान नेता सरदार व‍ीएम स‍िंंह की अगुवाई में एक बैठक द‍िल्ली में की है, ज‍िसमें कई मुद्दों पर चर्चा हुई है. देश के कई राज्यों से आए क‍िसान संगठनों के प्रत‍िन‍िध‍ियों ने बैैठक में सर्वसम्मत‍ि से प्रस्ताव पास क‍िया है. प्रस्ताव की जानकारी देते हुए MSP गारंटी कानूनी मोर्च के संयोजन क‍िसान नेता सरदार व‍ीएम स‍िंह ने कहा क‍ि अगर सरकार MSP गारंटी कानून नहीं बनाती है तो क‍िसानों को मतदान का बह‍िष्कार करेंगे. बैठक में आगे के आंदोलन के ल‍िए MSP नहीं तो वोट नहीं का नारा द‍िया गया. 

MSP से कम में ना हो फसलों की खरीद

 MSP गारंटी कानूनी मोर्च के संयोजन वीएम स‍िंह ने कहा क‍ि MSP गारंटी कानून की मांग का मकसद बस इतना है क‍ि देश के अंदर MSP से कम में फसलों की खरीद होती है. उन्होंने कहा क‍ि सरकार बेशक MSP तय कर दी हैं, ज‍िस पर खरीद करवाने की जि‍म्मेदारी राज्य सरकारों की होती है, लेक‍िन इसके बाद भी क‍िसानों से MSP से नीचे फसलों की खरीद की जाती है.

ये भी पढ़ें- Himachal Flood: हिमाचल में अगले दो दिन भारी बारिश के आसार, आठ जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी

उन्होंने कहा क‍ि अगर सरकार MSP गारंटी कानून बनाती है तो फसलों की खरीद का भार ना ही केंद्र सरकार पर पड़ेगा और ना ही राज्य सरकारों पर इसका भार पड़ेगा. मसलन, न‍िजी कंपन‍ियां भी क‍िसानों से अगर फसल की खरीद करती हैं तो कानून होने पर उन्हें फसलों का MSP देना होगा. उन्होंने बताया क‍ि इस संबंध में जुलाई 2018 में संसद में एक प्राइवेट ब‍िल पेश कि‍या गया था.         

गृहमंत्री अम‍ित शाह को पत्र  

MSP गारंटी कानूनी मोर्च ने द‍िल्ली में बैठक से पहले गृहमंत्री अम‍ित शाह से मुलाकात के ल‍िए समय मांगा था, ज‍िसके ल‍िए मोर्च ने पत्र ल‍िखकर पूरे मामले से गृह मंत्री अम‍ित शाह को अवगत कराया है. पत्र की जानकारी देते हुए MSP गारंटी कानूनी मोर्च के संयोजक सरदार वीएम स‍िंह ने कहा क‍ि खाद्यान्नों के लिए MSP की मांग दो दशक से भी अधिक पुरानी है , जिसकी शुरुआत अक्टूबर 2000 में उत्तर प्रदेश के किसानों ने एक बड़े राज्यव्यापी आंदोलन से की थी. उन्होंने कहा कि‍ ये आंदोलन पीलीभीत से शुरू हुआ और पूरे प्रदेश में फैल गया. आंदोलन के एक सप्ताह बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री राम प्रकाश गुप्ता को पद छोड़ना पड़ा था और राजनाथ सिंह के मुख्यमंत्री बनने के कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने किसानों की मांग मान ली और राज्य में एमएसपी पर धान खरीद शुरू हो गई थी.

सरदार वीएम स‍िंह ने कहा क‍ि उस घटना के संदर्भ के साथ हमने पत्र में नवम्बर 2000 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश का ज‍िक्र भी क‍िया है, ज‍िसमें न्यायालय ने निर्धारित समय के भीतर धान की खरीद करने का आदेश दिया था. ज‍िसके कारण् 20 वर्षों से अधिक समय तक धान की खरीद न्यायालय के आदेशानुसार निर्धारित दिशा निर्देशों पर होती रही जिसकी निगरानी स्वयं हाईकोर्ट द्वारा की गई. 

उन्हाेंने कहा क‍ि इन दो उदाहरणों के साथ हमने गृहमंत्री अम‍ित शाह से MSP गारंटी कानून बनाने की मांग पर अमल करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा क‍ि अगर सरकार MSP गारंटी कानूनी की मांग पर अमल नहीं करती है तो क‍िसान आंदोलन तेज क‍िया जाएगा, ज‍िसकी आगे की रणनीत‍ि जल्द ही सार्वजन‍िक की जाएगी. 

 

 

POST A COMMENT