Makhana Board: मखाना बोर्ड की हुई पहली बैठक; मखाना सेक्टर के लिए शुरू इतने करोड़ की योजना

Makhana Board: मखाना बोर्ड की हुई पहली बैठक; मखाना सेक्टर के लिए शुरू इतने करोड़ की योजना

मखाना बोर्ड ने अपनी पहली बैठक की है और इसमें मखाना सेक्टर के विकास के लिए ₹476 करोड़ की योजना शुरू की गई है. सरकार को उम्मीद है कि इस योजना से मखाना उत्पादक किसानों को नई तकनीक, बेहतर बाजार और अधिक आमदनी के अवसर मिलेंगे, वहीं भारत वैश्विक स्तर पर मखाना के प्रमुख निर्यातक के रूप में उभरेगा.

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मखाना बोर्ड की हुई पहली बैठक; मखाना सेक्टर के लिए शुरू इतने करोड़ की योजनाराष्ट्रीय मखाना बोर्ड की पहली बैठक

केंद्र सरकार ने मखाना उत्पादन और उससे जुड़े क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए एक बड़ी योजना को मंजूरी दी है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार, सरकार ने 2025-26 से 2030-31 की अवधि के लिए 476.03 करोड़ रुपये की लागत वाली मखाना विकास योजना को स्वीकृति दी है. इस योजना का मकसद मखाना खेती को वैज्ञानिक, आधुनिक और बाजारोन्मुख बनाना है, जिससे किसानों की आय बढ़ सके और भारत वैश्विक बाजार में अपनी मजबूत पहचान बना सके.

रिसर्च से लेकर मार्केटिंग तक फोकस

सरकार की इस योजना के तहत मखाना सेक्टर को कई स्तरों पर मजबूत किया जाएगा. इसमें रिसर्च और इनोवेशन, उन्नत गुणवत्ता वाले बीजों का उत्पादन, किसानों का क्षमता निर्माण, बेहतर कटाई और कटाई-पश्चात प्रबंधन, वैल्यू एडिशन, ब्रांडिंग और मार्केटिंग, निर्यात को बढ़ावा और गुणवत्ता नियंत्रण जैसे अहम पहलू शामिल हैं. इस योजना के क्रियान्वयन के लिए गठित राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की पहली बैठक हाल ही में कृषि भवन, नई दिल्ली में हुई. बैठक की अध्यक्षता कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव देवेश चतुर्वेदी ने की. इस दौरान बोर्ड और केंद्रीय क्षेत्र की योजना के कार्यान्वयन की प्रक्रिया शुरू की गई.

बैठक में राज्यों और अनुसंधान संस्थानों द्वारा प्रस्तुत वार्षिक कार्य योजनाओं की समीक्षा की गई और मखाना सेक्टर के समग्र विकास के लिए विभिन्न घटकों के तहत बजट आवंटित किया गया.

बीज और प्रशिक्षण पर खास जोर

बोर्ड ने इस बात पर जोर दिया कि राज्यों की बीज आवश्यकताओं को समेकित कर बिहार के सबौर कृषि विश्वविद्यालय (SAU Sabour) और सेंट्रल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, समस्तीपुर (CAU Samastipur) के माध्यम से बीज आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. इसके अलावा, राज्य कृषि विश्वविद्यालय, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, बिहार और एनआरसी मखाना, दरभंगा द्वारा विभिन्न राज्यों के प्रशिक्षकों को मखाना वैल्यू चेन की नवीनतम तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि मखाना की खेती पारंपरिक क्षेत्रों के साथ-साथ गैर-पारंपरिक इलाकों में भी बढ़ाई जा सके.

इन्फ्रास्ट्रक्चर और आधुनिक तकनीक पर ध्यान

बोर्ड ने मखाना की खेती और प्रोसेसिंग से जुड़ी तकनीकों के विकास पर भी बल दिया. इसमें ग्रेडिंग, ड्राइंग, पॉपिंग और पैकेजिंग के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण, आधुनिक खेती पद्धतियों को बढ़ावा, वैल्यू एडिशन, मार्केट लिंकेंज और निर्यात की तैयारी जैसे बिंदु शामिल हैं. केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की स्थापना कर केंद्रीय बजट 2025-26 में की गई घोषणा को पूरा किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 सितंबर 2025 को बिहार में इस बोर्ड का औपचारिक शुभारंभ किया था. मंत्रालय के अनुसार, यह कदम भारत में मखाना सेक्टर के समन्वित, वैज्ञानिक और बाजार-आधारित विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.

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