किसानों के लिए पावर कंपनी बनाने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य होगामुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र देश का पहला राज्य होगा जहां किसानों के लिए एक खास पावर कंपनी होगी, जिसका मकसद उन्हें बिना प्रदूषण के फसल उगाने के लिए सोलर एनर्जी देना होगा. सीएम फडणवीस ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि राज्य किसानों के लिए 16000 MW सोलर एनर्जी बनाएगा. इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) और एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक के बीच एक अरब डॉलर के लोन के लिए समझौता हुआ.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र पहला राज्य होगा जहां किसानों के लिए एक अलग बिजली कंपनी बनाई जाएगी. यह अगले साल के आखिर तक राज्य के हर किसान को सोलर एनर्जी देगी. राज्य किसानों के लिए 16000 MW सोलर एनर्जी बनाएगा (दिसंबर 2026 तक). अगले साल से, राज्य के किसान बिना किसी प्रदूषण के अपनी फसल उगाएंगे. CM ने कहा कि अगले 25 सालों में, सोलर पंप वाले किसानों को बिल में एक भी रुपया नहीं देना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि 2014 और 2019 के बीच अपने पहले कार्यकाल में राज्य को दो बार गंभीर सूखे का सामना करना पड़ा, जिससे किसानों को बहुत परेशानी हुई, लेकिन किसानों के लिए फीडर को अलग करने और उन्हें सोलर से जोड़ने का प्रयोग रालेगण सिद्धि में सफल रहा.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हालांकि, किसानों को एक लाख पंप देने की योजना तब रुक गई जब हम सत्ता से बाहर हो गए. अब, कुसुम योजना के तहत लगाए गए 9 लाख पंपों में से 7 लाख अकेले महाराष्ट्र में हैं, जिससे किसान साल में तीन फसलें उगा पा रहे हैं. 2013 से पहले, किसान को आवेदन के लगभग चार साल बाद पंप मिलता था. उस समय एक साल में सिर्फ़ लगभग 15 हज़ार पंप लगाए जाते थे. सीएम ने कहा कि न सिर्फ़ ऐसे बैकलॉग क्लियर किए गए हैं, बल्कि राज्य में एक ही महीने में 45,911 पंप लगाने का काम रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो गया है. एक अधिकारी ने बताया कि MSEDCL ने 27 अक्टूबर से 25 नवंबर के बीच इतने पंप लगाए, जिसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि यह उपलब्धि एक महीने में सामान्य रूप से लगाए जाने वाले 19000 पंपों से बहुत बड़ी छलांग है.
बचत की बात करते हुए, सीएम ने कहा कि थर्मल से पैदा होने वाली बिजली खरीदने की दर 8 रुपये प्रति यूनिट थी, जबकि सोलर बिजली 3 रुपये प्रति यूनिट में मिलेगी. इसका मतलब है कि किसानों की बिजली की खपत से जुड़ी 6.5 रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी अब कम हो गई है. फडणवीस ने कहा कि नतीजतन, MSEDCL ने इंडस्ट्रियल और घरेलू बिजली की दरों में हर साल 3 प्रतिशत की कमी करने का फैसला किया है. सोलर पंप लगाना सिर्फ एक वर्ल्ड रिकॉर्ड नहीं है, बल्कि हमने देश के लिए एनर्जी के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित किया है. उन्होंने राज्य भर में एग्रीकल्चर सोलर पंप के लाभार्थियों से ऑनलाइन बातचीत भी की. (सोर्स- PTI)
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