उत्तर प्रदेश में कृषि कार्य के लिए किसान बैंकों से कर्ज लेते हैं जिसके एवज में उन्हें अपनी जमीन के कागजात भी बैंक के पास गिरवी रखने होते हैं. यूपी के फिरोजाबाद जनपद में तो एक किसान ने बैंक से कोई कर्ज भी नहीं लिया फिर भी उसकी जमीन को बैंक ने बंधक बना लिया. यह पूरा मामला मक्खनपुर थाना क्षेत्र की जबड़ा के किसान विनोद कुमार का है. किसान को बैंक के द्वारा उसकी जमीन बंधक बनाए जाने की जानकारी हुई तो उसके होश उड़ गए. पीड़ित किसान जिलाधिकारी से लेकर कृषि के अधिकारियों तक शिकायत कर चुका है लेकिन अभी तक फर्जी कर्ज से मुक्ति नहीं मिली है.
यूपी के फिरोजाबाद के मक्खनपुर के जेबड़ा निवासी विनोद कुमार किसान है. उन्होंने आज तक बैंक से कोई ऋण नहीं लिया है लेकिन एक दिन उनके पास 2.70 लाख रुपए का कर्ज़ का एक नोटिस आया जिसकी एवज में उसकी जमीन को बैंक ने बंधक बनाने की बात भी लिखी थी. यह मामला सुनते ही किसान के होश उड़ गए. पीड़ित किसान ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भी दिया लेकिन अभी तक किसान की समस्या का निवारण नहीं हुआ है. किसान का कहना है कि बैंक में उसका कोई अकाउंट तक नहीं है. पीड़ित ने आर्यावर्त बैंक में जब संपर्क साधा तो निस्तारण किए जाने के लिए आश्वासन दिया है. बैंक के दोषी कर्मचारियों के खिलाफ किसान ने सख्त कार्रवाई की मांग की है.
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सरकार किसानों को ऋण की सुविधा देने के लिए सरल उपाय कर रही है. किसानों को केसीसी कम ब्याज दर पर उपलब्ध कराने के लिए भी बैंक के द्वारा कैंप लगाए जा रहे हैं. वैसे किसानों को केसीसी 7% ब्याज दर पर मिलता है. यदि किसान एक साल के भीतर अपना ऋण अदा करते हैं तो उन्हें ब्याज में तीन प्रतिशत की छूट मिलती है. यानी ब्याज दर केवल चार प्रतिशत ही रह जाती है. उत्तर प्रदेश में इस समय एक करोड़ 50 लाख 45360 किसानों को केसीसी उपलब्ध कराया जा चुका है. वहीं किसानों को अब तक 147083.35 करोड़ का कर्ज भी जारी किया जा चुका है. वही समय से बैंकों का कर्ज न चुकाने वाले किसानों के खिलाफ कुर्की का नोटिस भी जारी होता है. इसके बदले में उसकी संपत्ति को भी अंतिम विकल्प के रूप में जप्त करने का प्रावधान है.
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