राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को मॉनसून की एंट्री हो गई. मौसम विभाग यानी आईएमडी की तरफ से इस बात की आधिकारिक पुष्टि भी कर दी गई है. आईएमडी की मानें तो मॉनसून दो दिन देर से राष्ट्रीय राजधानी में पहुंचा है. वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में बारिश का कहर जारी है. उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में रविवार तड़के बादल फटने से दो मजदूरों की मौत हो गई है जबकि. मॉनसून ने सामान्य से करीब एक हफ्ते पहले ही पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है. इसके चलते राष्ट्रीय राजधानी और बाकी उत्तरी राज्यों में बारिश हुई, कई पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन हुआ और नदियां उफान पर आ गईं.
आईएमडी ने कहा कि मॉनसून सामान्य तिथि 27 जून के दो दिन बाद दिल्ली पहुंचा. आईएमडी ने एक बयान में कहा, 'मॉनसून 29 जून, 2025 को राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बाकी हिस्सों और पूरी दिल्ली में आगे बढ़ गया है.' आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने की ही तरह जून का महीना सामान्य से ज्यादा बारिश वाला और ठंडा रहने वाला है. गौरतलब है कि दिल्ली में मई माह में ऐतिहासिक रूप से सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई.
आईएमडी के आंकड़ों से पता चला है कि दिल्ली का मासिक औसत अधिकतम तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस रहा है - जो जून के लिए 39 डिग्री सेल्सियस के दीर्घकालिक औसत (एलपीए) से 1.2 डिग्री कम है - और औसत मासिक न्यूनतम तापमान 27.2 डिग्री सेल्सियस रहा है, जो एलपीए से 0.5 डिग्री सेल्सियस कम है. पिछले साल, वे क्रमशः 41.6 डिग्री सेल्सियस और 29.8 डिग्री सेल्सियस थे, और 2023 में 37.2 डिग्री सेल्सियस और 25.9 डिग्री सेल्सियस थे.
दिल्ली में रविवार को मासिक बारिश में 5.3 मिमी की वृद्धि हुई, जिससे मासिक वर्षा कुल 98.2 मिमी हो गई - जो मासिक एलपीए 74.1 मिमी से लगभग 32 फीसदी ज्यादा है. पिछले साल, दिल्ली में मासिक वर्षा 243.3 मिमी हुई थी, लेकिन 28 जून को जब मॉनसून दिल्ली में आया, तो यह घटकर 228.1 मिमी रह गई. जून 2023 में, शहर में फिर से ज्यादा बारिश देखी गई. इस दौरान रे महीने में 101.7 मिमी दर्ज की गई. IMD के आंकड़ों के अनुसार पिछले एक दशक में, जून में दिल्ली में 2015 से चार मौकों पर अधिक बारिश हुई है: 2024, 2023, 2022 और 2017 में.
मौसम विभाग के अनुसार, चंडीगढ़ में रविवार सुबह 8.30 बजे समाप्त हुए पिछले 24 घंटों में 119.5 मिमी बारिश हुई. पंजाब के अन्य स्थानों के अलावा फिरोजपुर, मोहाली, लुधियाना, पटियाला, पठानकोट और रूपनगर में बारिश हुई. आईएमडी के अनुसार अगले सात दिनों में उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की संभावना है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार और नैनीताल सहित उत्तराखंड के कई जिलों में 30 जून को भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए चारधाम यात्रा को एक दिन के लिए रोक दिया है. इसी तरह से शिमला मौसम विज्ञान केंद्र ने हिमाचल प्रदेश के 10 जिलों में बहुत भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट भी जारी किया है. राज्य में 20 जून को राज्य में मॉनसून की शुरुआत के बाद से बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या 20 हो गई है.
एक अधिकारी ने बताया कि आईएमडी ने रविवार को झारखंड के लिए भी 'रेड' अलर्ट जारी किया, जिसमें 1 जुलाई तक झारखंड के कुछ हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश की भविष्यवाणी की गई है. झारखंड की राजधानी रांची में रविवार सुबह से हल्की से मध्यम बारिश हो रही है, लेकिन 2 जुलाई की सुबह तक भारी बारिश होने की संभावना है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा. झारखंड में 1 जून से 28 जून तक 80 प्रतिशत अतिरिक्त बारिश दर्ज की गई है.
इस साल, मॉनसून 24 मई को केरल पहुंचा है. साल 2009 के बाद से पहला मौका है जब देश में मॉनसून समय से पहले आया है. उस साल मॉनसून ने 23 मई को दस्तक दी थी. रविवार को अधिकारियों ने केरल में मुल्लापेरियार बांध के 13 शटर खोल दिए, जिससे पेरियार नदी में पानी छोड़ा गया, क्योंकि जल स्तर पूरी क्षमता के करीब पहुंच गया था. पिछले कुछ दिनों में बांध के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण जल स्तर बढ़ गया. इससे पहले, अधिकारियों ने कई गांवों को हाई अलर्ट पर रखा था. 20 से अधिक राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और स्थानीय पुलिस और राजस्व अधिकारियों को किसी भी आवश्यक पुनर्वास में सहायता करने का निर्देश दिया गया है.
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