लौकी की खेती गर्मी और बारिश दोनों ही मौसमों में की जाती है. बाजार में लौकी की मांग हमेशा बनी रहती है, जिसकी वजह से देश में लौकी की खेती बड़े पैमाने पर होती है. लौकी की खेती से किसानों को भी काफी फायदा होता है. दरअसल, लौकी एक कद्दू वर्गीय फसल है, जिसकी खेती सालों भर की जा सकती है. इसकी खेती जायद, खरीफ और रबी तीनों सीजन में की जाती है. हालांकि, खेती करने से पहले किसानों के लिए सबसे अहम सवाल यह होता है कि लौकी की किस किस्म की खेती करें, जिससे ज्यादा से ज्यादा उपज मिल सके और नुकसान भी न हो. ऐसे में अगर आप भी लौकी की कोई ऐसी ही किस्म की तलाश में हैं तो आप PSPL वैरायटी की खेती कर सकते हैं. आइए बताते हैं कहां सस्ते में मिलेगा इसका बीज और क्या है इसकी खासियत.
देश के किसान अब नकदी फसलों की खेती अधिक मात्रा में करने लगे हैं. इससे किसानों की बंपर कमाई भी हो रही है. इसलिए किसान बड़े स्तर पर इसकी खेती कर रहे हैं. ऐसे में किसानों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय बीज निगम ऑनलाइन लौकी का PSPL किस्म का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप एनएससी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद कर बारिश के मौसम में खेतों और घर की छत पर आसानी से उगा सकते हैं. साथ ही इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर भी मंगवा सकते हैं.
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की ओर से विकसित लौकी की उन्नत किस्म PSPL खेती करने के लिए बहुत अच्छी किस्म है. इसकी खेती खरीफ सीजन में आसानी से की जाती है. इस किस्म के फल आकर्षक हरे रंग के होते हैं. वहीं, फल की लंबाई 40-50 सेमी होती है. साथ ही ये जल्दी पकने वाली किस्म है. बता दें कि इस किस्म का औसत उपज 400-425 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.
अगर आप भी लौकी की खेती करना चाहते हैं तो PSPL किस्म के 15 ग्राम के पैकेट का बीज फिलहाल 22 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से लौकी की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं. बता दें कि इस किस्म को घर की छत पर या अपने गार्डन में भी आसानी से उगा सकते हैं.
लौकी की खेती के लिए थोड़ी गर्म ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है. लौकी अधिक पाले को सहन करने में बिलकुल असमर्थ होती है. इसके लिए 18 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान होना चाहिए. इसको गर्म और तर दोनों मौसम में उगाया जाता है. ज्यादातर लौकी की बुवाई गर्मी और बरसात के मौसम में की जाती है.वहीं, खेती से पहले किसान अपने खाद के बनाए हुए मिश्रण को खेत में समान मात्रा में बिखेर दें. उसके बाद दोबारा अच्छी तरह से अपने खेत की जुताई करके खेत को तैयार कर दें. उसके बाद लौकी के बीज की बुवाई करें. ऐसे खेती करने से किसानों को अधिक लाभ होता है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today