कृषि उत्पादों के निर्यात पर केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले का असर दिखने लगा है. कृषि-निर्यात प्रोत्साहन संस्था एपीडा के अनुसार, बासमती चावल सहित अन्य खाद्य पदार्थों का निर्यात इस साल सितंबर में घटकर 1.793 मिलियन टन पर पहुंच गया है. जबकि अगस्त महीने यह आंकड़ा 2.794 मिलियन टन था. खास बात यह है कि अप्रैल और मई में कृषि उत्पादों का निर्यात लगभग 3.3 मिलियन टन था.
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के आंकड़ों के अनुसार, फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के अगस्त में कृषि वस्तुओं का निर्यात 2.794 मिलियन टन था. वहीं, अगर कीमत की बात करें तो कृषि उत्पादों का निर्यात सितंबर के दौरान घटकर 14,153 करोड़ रुपये रह गया, जो चालू वित्त वर्ष के अगस्त में 18128 करोड़ रुपये का था. खास बात यह है कि सितंबर महीने के दौरान गैर-बासमती 425,000 टन, बासमती चावल 121000 टन, प्याज 151000 टन और भैंस का मांस 121427 टन भारत से निर्यात किया गया.
वहीं, अप्रैल से सितंबर महीने के बीच कृषि वस्तुओं का कुल निर्यात 17.227 मिलियन टन रहा. कहा जा रहा है कि निर्यात में गिरावट देश में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए एक्सपोर्ट पर कुछ शर्तें और नियम लगाने की वजह से आई है. खास कर बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाने के कारण इसके निर्यात में गिरावट आई. एपीडा मांस और पोल्ट्री उत्पादों सहित 47 कृषि वस्तुओं के निर्यात पर डेटा रखता है.
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बता दें कि हाल ही में खबर आई थी केंद्र सरकार ने देश में बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए प्याज के निर्यात पर रोग लगा दी है. अब देश के व्यापारी अगले साल 31 मार्च तक प्याज का निर्यात नहीं कर पाएंगे. सरकार को उम्मीद है कि उसके इस फैसले से देश में प्याज का भंडार बढ़ जाएगा, जिससे कीमतों में गिरावट आएगी. ऐसे भी अभी प्याज बहुत महंगा हो गया है. 50 से 60 रुपये किलो बिक रहा है.
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