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Chhattisgarh Election 2023: सरपंच से शुरू हुआ विष्णुदेव साय का सियासी सफर पहुंचा छत्तीसगढ़ के सीएम पद तक

Chhattisgarh Election 2023: सरपंच से शुरू हुआ विष्णुदेव साय का सियासी सफर पहुंचा छत्तीसगढ़ के सीएम पद तक

साय ने अपने सियासी सफर की शुरूआत 1990 में बगिया ग्राम पंचायत के निर्विरोध सरपंच का चुनाव जीतकर की थी. इसके पहले वह 1989 में बगिया गांव से पंच भी चुने गए थे. लगभग 3 दशक के राजनीतिक सफर में वह हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में पत्थलगांव जिले की कुनकुरी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं.

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सरपंच से शुरू हुआ विष्णुदेव साय का सियासी सफर पहुंचा छत्तीसगढ़ के सीएम पद तक सरपंच से शुरू हुआ विष्णुदेव साय का सियासी सफर पहुंचा छत्तीसगढ़ के सीएम पद तक

छत्तीसगढ़ में भाजपा ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद पर तैनाती को लेकर पिछले एक सप्ताह से बना सस्पेंस आज खत्म कर दिया. आदिवासी समुदाय के किसी व्यक्त‍ि को मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों को सही साबित करते हुए पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक दल की बैठक में विष्णुदेव साय के नाम पर मुहर लग गई है.विधायक दल की बैठक के बाद साय ने कार्यकर्ताओं की बधाई स्वीकार करते हुए कहा कि राज्य की भावी भाजपा सरकार में सबका साथस सबका विकास सुनिश्चित किया जाएगा. चार बार सांसद रह चुके साय छत्तीसगढ़ में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

उन्होंने सरपंच से सीएम तक के अपने सियासी सफर में साय केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. भाजपा के संसदीय दल की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम की मौजूदगी में आज दोपहर बाद दो बजे यहां हुई विधायक दल की बैठक में साय को मुख्यमंत्री बनाए जाने का फैसला किया गया. वह छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्यमंत्री होंगे.

कौन हैं साय

वर‍िष्ठ भाजपा नेता और आदिवासी समुदाय से आने वाले साय का जन्म 21 फवरी 1964 को छत्तीसगढ़ में जशपुर जिले में बगिया गांव के बंदरचुवा टोला में एक किसान परिवार में हुआ था. उन्होंने 11वीं तक की पढ़ाई कुनकुरी स्थित लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल से की है. उनका एक बेटा और दो बेटियां है. 

साय ने अपने सियासी सफर की शुरूआत 1990 में बगिया ग्राम पंचायत के निर्विरोध सरपंच का चुनाव जीतकर की थी. इसके पहले वह 1989 में बगिया गांव से पंच भी चुने गए थे. लगभग 3 दशक के राजनीतिक सफर में वह हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में पत्थलगांव जिले की कुनकुरी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं. विष्णुदेव साय जून 2020 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने और अगस्त 2022 तक इस दायि‍त्व को निभाया.

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आरएसएस का वरदहस्त प्राप्त विष्णुदेव साय 1999 से 2014 तक 4 बार रायगढ़ संसदीय क्षेत्र से भाजपा के सांसद भी चुने गए. इस दौरान वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री भी रहे. साल 2019 में छत्तीसगढ़ के किसी भी सांसद को टिकट नहीं देने की भाजपा की रणनीति पर अमल करते हुए उन्होंने पिछला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था.

साय सरपंच रहते हुए 1990 में अविभाजित मध्यप्रदेश की तपकरा विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने. इसके बाद उन्होंने संसद का रुख करते हुए 1999 से 2014 रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधि‍त्व किया. साय को संगठन में काम करने का भी लंबा अनुभव है. पार्टी ने उन्हें 2006 और 2020 में दो बार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया. इस समय वह भाजपा की राष्ट्रीय कार्य समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

साय का ताल्लुक सियासी परिवार से ही होने के कारण राजनीति का ककहरा उन्होंने अपने घर से ही सीखा. आजादी के पहले से ही राजनीतिक रूप से सक्रिय रहे उनके दादा बुधनाथ साय 1947 से 1952 तक मनोनीत विधायक रहे. विष्णुदेव के बड़े भाई नरहरि प्रसाद साय 1962 से 1967 तक लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र से और 1972 से 1977 तक बगीचा विधानसभा सीट से विधायक रहे. वह 1967 से 1979 तक सांसद व केंद्रीय मंत्री रहे. उनके एक भाई केदारनाथ साय 1967 से 1972 तक तपकरा विधानसभा से विधायक रहे.

किसान हैं साय 

साश्य ने अपने हलफनामे में खुद को किसान बताया है. साथ ही वह समाज सेवी हैं. उन्होंने अपना व्यवसाय खेती और ब्याज से होने वाली आय को आजीविका का मुख्य जरिया बताया है. बेदाग आपराधि‍क रिकॉर्ड वाले साय के हलफनामे के मुताबिक उनके खि‍लाफ किसी अदालत में कोई आपराध‍िक मुकदमा लंबित नहीं है. साय ने अपनी संपत्त‍ि के ब्योरे के रूप में अपनी और अपने परिवार की कुल नकद पूंजी लगभग 10 लाख रुपये बताई है. वहीं उनके परिवार के पास लगभग 20 लाख रुपये से कम जमा पूंजी है. चल संपत्त‍ि के रूप में उनके पास एक ट्रेक्टर और एक क्रेटा कार है. साथ ही साय और उनकी पत्नी के पास 650 ग्राम सोना और 5 किग्रा चांदी सहित कुल 42 लाख रुपये के जेवरात हैं. साय के पास एक बंदूक और रिवॉल्वर भी है.