उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद का दशहरी आम पूरी दुनिया में मशहूर है. लखनऊ के मलिहाबाद फल पट्टी 30,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली हुई है. यहां से पैदा होने वाली दशहरी (Dussehri mango)निर्यात के माध्यम से हर साल दुनिया के अलग-अलग देशों में पहुंचती है. उत्तर प्रदेश उद्यान विभाग के द्वारा वर्ष 2023 निर्यात के लिए पूरी तरह से कमर कस ली थी. वहीं लखनऊ में मैंगो पैक हाउस भी चालू हो चुका है जहां से अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप आम तैयार किया जाने लगा है . आम की फसल को देखकर उत्तर प्रदेश सरकार को निर्यात की काफी अच्छी उम्मीदें थी लेकिन जब फसल तैयार हुई तो उम्मीदों पर पानी फिरता हुआ दिखाई देने लगा है. मैंगो पैक हाउस के मैनेजर कैप्टन अकरम बेग का कहना है कि पिछले साल आम की स्थिति अच्छी थी लेकिन इस बार कीट के संक्रमण के चलते ज्यादातर आमो में दाग लग चुके हैं. अच्छी गुणवत्ता का दशहरी आम मिलना मुश्किल हो रहा है. इस बार निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले आम का निर्यात हो पाना संभव नहीं है.
लखनऊ स्थित मलिहाबाद प्रदेश की सबसे बड़ी फल पट्टी है यहां पर दशहरी आम की सबसे ज्यादा पैदावार होती है. फरवरी में आम के पेड़ों पर जब खूब फूल लगे तो किसान भी काफी खुश हुए. उन्होंने आम के जरिए सपने बुनना भी शुरू कर दिए लेकिन जब फसल तैयार हुई तो कीटों के बढ़ते संक्रमण से बागवान के सपने भी चूर चूर हो गए. इस बार आम के बागवान को अपनी फसल को बचाने के लिए 7 से 8 बार तक कीटनाशक का छिड़काव करना पड़ा है फिर भी आम पर दाग लगे हैं. वही ऐसे दाग लगे आमों का दूसरे देशों में निर्यात हो पाना संभव नहीं है. मैंगो पैक हाउस के मैनेजर कैप्टन अकरम बेग ने किसान तक को बताया कि इस बार निर्यात के लिए अच्छे आम की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. इस वजह से 1000 टन आम के निर्यात का लक्ष्य भी पूरा हो पाना संभव नहीं दिख रहा है.
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2020 और 2021 में कोरोना बाद में आम के निर्यात में गिरावट दर्ज की गई थी. वहीं 2023 में फसल अच्छी होने के अनुमान के चलते भारी मात्रा में आम के निर्यात का अनुमान लगाया गया था लेकिन आम की गुणवत्ता खराब होने के चलते यूरोपीय देशों को आम का निर्यात हो पाना संभव नहीं दिख रहा है. मैंगो पैक हाउस के मैनेजर कैप्टन अकरम बेग ने बताया कि दशहरी आम में हार्पर कीट के चलते ब्लैक स्पॉट पड़ा है जिसके कारण आम की गुणवत्ता खराब हो गई है. इस वजह से कई देशों में दशहरी आम की खेप नहीं भेजी जा सकेगी.
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