अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चोवना मीन ने शनिवार को कृषि एवं बागवानी नीतियों (2025-2035) का अनावरण किया, जिसका उद्देश्य राज्य में कृषि-परिवर्तन को गति देना और किसानों की समृद्धि सुनिश्चित करना है. मीन ने ज़ोर देकर कहा कि पूर्वोत्तर राज्य केवल फसलों की खेती नहीं कर रहा है, बल्कि अवसरों और भविष्य की खेती भी कर रहा है. उपमुख्यमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "हमारे नए कृषि और बागवानी दृष्टिकोण के साथ, हम किसानों को सशक्त बना रहे हैं, उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं और अरुणाचल को सतत विकास में अग्रणी के रूप में स्थापित कर रहे हैं."
अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चोवना ने इस बात पर जोर दिया कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अग्रणी जैविक कीवी उत्पादक राज्य बनकर उभरा है और संतरे तथा इलायची की खेती में इसका प्रमुख योगदान है. उन्होंने कहा कि राज्य ने रोइंग और रुक्सिन में पाम ऑयल मिल्स की स्थापना करके "अग्रणी कदम" भी उठाए हैं, जो "देश में अपनी तरह की पहली" है. मीन ने कहा, "हम अपनी कृषि अर्थव्यवस्था को बदलने और अरुणाचल प्रदेश के प्रत्येक किसान तक समृद्धि पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं."
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य में सालाना 5.2 लाख मिलियन टन खाद्यान्न और 15,000 मीट्रिक टन दालों का उत्पादन होता है. पिछले 9 सालों में, 20,900 हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि में वृद्धि हुई है, जिससे इस सीमांत राज्य के कृषि आधार का पर्याप्त विस्तार हुआ है. एक अधिकारी ने बताया कि अगले दशक की नीतियां टिकाऊ खेती, बाजार संपर्कों को मजबूत करने और आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर केंद्रित होंगी. उन्होंने आगे कहा, "इसका जोर सिर्फ़ उत्पादन बढ़ाने पर ही नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करने पर भी है कि किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिले."
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रविवार से अरुणाचल प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. विभाग ने कहा कि पापुम पारे, पूर्वी कामेंग, पश्चिमी कामेंग, नामसाई, लोहित, तिरप, लोंगडिंग और निचले सुबनसिरी के कुछ हिस्सों में भारी बारिश का अनुमान है. मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों के लिए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया है और निवासियों और अधिकारियों से संभावित जलभराव, अचानक बाढ़ और भूस्खलन के प्रति सतर्क रहने का आग्रह किया है. विभाग ने कहा कि सोमवार को ऊपरी सुबनसिरी, सियांग बेल्ट, पश्चिमी कामेंग, तवांग, लोहित, अंजॉ और निचली दिबांग घाटी के कुछ हिस्सों में बारिश की तीव्रता बढ़ने की संभावना है.
(सोर्स- PTI)
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