हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने ऐलान किया है कि जैविक खेती और नई तकनीकों की जानकारी देने के लिए राज्य में स्वदेशी मेलों को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके साथ ही, स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी विभागों को शामिल किया जाएगा, जो देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. राणा ने यह भी कहा कि 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक 'सेवा पखवाड़ा' मनाया जाएगा और इस दौरान सभी विधायक और मंत्री किसानों से मिलकर रबी फसलों की तैयारियों पर चर्चा करेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे.
हरियाणा के कृषि मंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया कि हरियाणा सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है और उनकी सभी समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह समर्पित है और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में, बारिश के कारण हुए जलभराव से प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राणा ने किसानों से आग्रह किया कि वे हाल ही में आई बाढ़/जलभराव से हुए अपने फसल नुकसान का विवरण 15 सितंबर तक "हरियाणा क्षतीपूर्ति पोर्टल" पर अपलोड करें, ताकि सत्यापन के बाद शीघ्र मुआवजा प्रदान किया जा सके. राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित उपायुक्तों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.
फ्रांस और नीदरलैंड की अपनी हालिया यात्रा के बारे में श्याम सिंह राणा ने कहा कि इस यात्रा के दौरान उन्हें कृषि उत्पादों, खासकर आलू और फूलों की खेती से जुड़ी नई तकनीकों और बाजारों के बारे में जानकारी मिली. उन्होंने कहा कि नीदरलैंड में आलू सम्मेलन से यूरोप में आलू उत्पादन और निर्यात की जानकारी मिली. राणा ने आगे कहा कि यूरोप के मज़बूत पुष्प उत्पादन क्षेत्र से प्रेरित होकर, हरियाणा भी राज्य में फूलों की खेती को बढ़ावा देने की योजना बना रहा है. मंत्री ने कहा कि यह दौरा अत्यंत सफल रहा और राज्य का कृषि विभाग किसानों को वैश्विक बागवानी और पुष्पकृषि बाजारों में प्रयुक्त नवीनतम तकनीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु आवश्यक कदम उठाएगा.
हरियाणा के कृषि मंत्री ने आगे बताया कि राज्य सरकार सोनीपत ज़िले के गनौर कस्बे में देश की सबसे बड़ी बागवानी मंडी स्थापित कर रही है. अब तक 54 एकड़ ज़मीन का अधिग्रहण हो चुका है. इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 2,595 करोड़ रुपये है और लगभग 45 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. उन्होंने बताया कि इस अंतरराष्ट्रीय बाजार में सालाना 20 लाख टन उपज की क्षमता होगी. इसमें 14,907 कारों और 3,305 ट्रकों और ट्रॉलियों के लिए पार्किंग की सुविधा भी होगी. मंत्री ने कहा कि विदेशी यात्राओं से प्राप्त अनुभवों का उपयोग हरियाणा के बाजारों को मजबूत बनाने में किया जाएगा.
(सोर्स- PTI)
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