महाराष्ट्र में बनेगी अंतर्राष्ट्रीय APMC, मंत्री जयकुमार रावल बोले- फ्रांस की सबसे बड़ी बाजार समिति के साथ समझौता

महाराष्ट्र में बनेगी अंतर्राष्ट्रीय APMC, मंत्री जयकुमार रावल बोले- फ्रांस की सबसे बड़ी बाजार समिति के साथ समझौता

महाराष्ट्र में अब बहुत जल्दी ही महा-मुंबई अंतर्राष्ट्रीय एपीएमसी की स्थापना होने वाली है. इसके लिए राज्य सरकार ने फ्रांस की सबसे बड़ी बाजार समिति के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. विपणन एवं प्रोटोकॉल मंत्री जयकुमार रावल ने इसकी जानकारी दी है.

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महाराष्ट्र में बनेगी अंतर्राष्ट्रीय APMC, मंत्री जयकुमार रावल बोले- फ्रांस की सबसे बड़ी बाजार समिति के साथ समझौता महा-मुंबई अंतर्राष्ट्रीय एपीएमसी की होगी स्थापना. (सांकेतिक तस्वीर)

महाराष्ट्र के मार्केटिंग एवं प्रोटोकॉल मंत्री जयकुमार रावल ने कहा कि राज्य सरकार कृषि विकास को प्राथमिकता देने और किसानों के लिए मार्केटिंग प्रणाली को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विपणन बोर्ड के तहत प्रत्यक्ष व्यवस्था के माध्यम से किसानों और उपभोक्ताओं के बीच एक मजबूत संबंध बनाने के लिए काम कर रही है. उन्होंने बताया कि अहिल्यानगर में 1.5 करोड़ रुपये की लागत से संत तुकडोजी महाराज शेतकरी भवन का निर्माण किया जाएगा.

'अंतर्राष्ट्रीय एपीएमसी की होगी स्थापना'

मंत्री जयकुमार रावल ने कहा कि राज्य में 1,168 गोदाम हैं जिनकी भंडारण क्षमता 6 लाख मीट्रिक टन है. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 108 अतिरिक्त गोदाम बनाए गए हैं, जिससे भंडारण क्षमता एक लाख मीट्रिक टन बढ़ गई है. रावल ने कहा कि राज्य सरकार ने फ्रांस की सबसे बड़ी बाज़ार समिति के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत महा-मुंबई अंतर्राष्ट्रीय एपीएमसी की स्थापना की जाएगी. यह "दुनिया का सबसे बड़ा बाज़ार" होगा.

मंत्री ने कहा कि इसे समृद्धि एक्सप्रेसवे, वधावन बंदरगाह और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से जोड़ा जाएगा, जिससे अहिल्यानगर एपीएमसी से निर्यात वैश्विक बाजारों तक पहुंच सकेगा. 1954 में स्थापित अहिल्यानगर एपीएमसी लगातार विकसित हुई है और किसानों के लिए एक विश्वसनीय मंच बन गई है.

महाराष्ट्र की मंडियों से 85,000 करोड़ रुपये का व्यापार

बता दें कि शुक्रवार को रावल चिचोंडी पाटिल स्थित अहिल्यानगर कृषि उपज मंडी समिति (APMC) के उप-मंडी प्रांगण का भूमिपूजन करने के बाद बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि नए उप-मंडी प्रांगण से किसानों के लिए अपनी उपज मंडियों तक लाना आसान हो जाएगा. देश में 2,600 एपीएमसी हैं, जिनमें अकेले महाराष्ट्र में 306 समितियां और 621 उप-यार्ड हैं. ये सालाना 2.5 लाख मीट्रिक टन उपज का प्रबंधन करते हैं, जिससे 85,000 करोड़ रुपये का व्यापार होता है.

दुबई पहुंचेंगी महाराष्ट्र की सब्ज़ियां

रावल ने कहा, "नेपथी और चिचोंडी पाटिल में नई आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. विपणन विभाग कई किसान-हितैषी योजनाओं को लागू कर रहा है, जिनमें कृषि उत्पादों के लिए जीआई टैग और निर्यात सुविधाएं बनाना शामिल है. किसानों के बच्चों को निर्यात का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि ज़िले के फलों के उत्पादों का निर्यात लाभप्रद रूप से किया जा सके. महाराष्ट्र की सब्ज़ियां जल्द ही दुबई के बाज़ारों में भी पहुंचेंगी." रावल ने यह भी बताया कि राज्य की 133 कृषि उपज विपणन समितियां इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (ई-नाम) से जुड़ी हैं, जिससे किसानों को राज्य, देश और दुनिया भर में वास्तविक समय पर कीमतों की जानकारी मिलती है.

मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए 2,500 करोड़ रुपये

महाराष्ट्र के मार्केटिंग एवं प्रोटोकॉल मंत्री ने कहा कि 2,500 करोड़ रुपये की मुख्यमंत्री एपीएमसी सुदृढ़ीकरण योजना के तहत, मंडियों के आधुनिकीकरण के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि कल्याण के निकट बापगांव में 122 एकड़ में एक अत्याधुनिक निर्यात सुविधा स्थापित की जा रही है, जिससे किसानों को काफी लाभ होगा. अहिल्यानगर एपीएमसी में गोदामों और निर्यात बुनियादी ढांचे सहित सुविधाओं का उन्नयन किया जा रहा है. 

राज्य के जल संसाधन मंत्री और संरक्षक मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि एपीएमसी को डिजिटल मार्केटिंग जैसे बदलावों को अपनाना चाहिए और कृषि उपज के बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने चाहिए. विखे पाटिल ने कहा, "देश की अर्थव्यवस्था किसानों पर निर्भर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि और विपणन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई किसान-हितैषी फैसले लिए हैं. केंद्र और राज्य विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाने के लिए काम कर रहे हैं."

(सोर्स- PTI)

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