हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र से हाल ही में हुई बारिश से प्रभावित हर एक परिवार को 1 बीघा वन भूमि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि प्रतिकूल मौसम और सड़क की स्थिति को देखते हुए सरकार ने सभी परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है. आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान कुल्लू में मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम ने कहा कि इस साल मानसून ने व्यापक तबाही मचाई है, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है.
सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों से सहायता प्रदान कर रही है, क्योंकि केंद्र सरकार से अभी तक कोई सहायता नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि सरकार ने आपदा प्रबंधन के लिए विश्व बैंक से सहायता प्राप्त करने और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास में मदद के लिए 3,000 करोड़ रुपये की परियोजना तैयार की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने केंद्र से अनुरोध किया है कि वह प्रत्येक प्रभावित परिवार को एक बीघा वन भूमि उपलब्ध कराए, ताकि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पुनर्वास में मदद मिल सके. राज्य की लगभग 68 प्रतिशत भूमि वन भूमि के रूप में वर्गीकृत है. राज्य सरकार केंद्र की मंजूरी के बिना वन भूमि आवंटित नहीं कर सकती.
भाजपा नेताओं पर केवल सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने और लोगों की मदद के लिए जमीनी स्तर पर कुछ न करने का आरोप लगाते हुए, सुक्खू ने भाजपा सांसदों से केंद्र से हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष राहत पैकेज के साथ-साथ प्रति परिवार 1 बीघा वन भूमि स्वीकृत करने का आग्रह करने के लिए समर्थन मांगा कुल्लू दौरे के दौरान, सुक्खू ने प्रभावित परिवारों से बातचीत की और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया. उन्होंने वशिष्ठ चौक, मनाली, बहांग और ओल्ड मनाली में क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों और निजी संपत्तियों का भी निरीक्षण किया और अखाड़ा बाजार के उन क्षेत्रों का दौरा किया जहां भूस्खलन के कारण कुछ घर दब गए हैं.
सीएम ने प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए और सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों को क्षतिग्रस्त सड़कों को जल्द से जल्द बहाल करने के निर्देश दिए. इससे पहले, मुख्यमंत्री ने मंडी और कुल्लू जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने क्षतिग्रस्त भूतनाथ और भुंतर पुलों का भी निरीक्षण किया और दूरदराज के दुर्गम इलाकों में राशन और अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचाई. मणिमहेश यात्रा मार्ग पर भूस्खलन के कारण फंसे तीर्थयात्रियों के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि चंबा जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं को बचाने के लिए सेना के चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों की सेवाएं ली हैं और कुछ श्रद्धालुओं को भरमौर से चंबा सुरक्षित पहुंचाया, जहां से उन्हें घर भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि गुरुवार को भरमौर से 605 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया और हिमाचल रोडवेज परिवहन निगम की बसों से उनके गंतव्य तक निःशुल्क पहुंचाया गया.
सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार आपदा प्रभावित क्षेत्रों से किसानों और बागवानों की उपज को मंडियों तक पहुंचाने के लिए भी हर संभव प्रयास कर रही है, हालांकि वर्तमान में सर्वोच्च प्राथमिकता सड़कों को बहाल करना और बिजली व पानी जैसी आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित करना है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन परिवारों को 7.70 लाख रुपये की सहायता प्रदान कर रही है जिनके घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं.
(सोर्स- PTI)
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