अमेठी के जामो के रहने वाले मो आरिफ और सारस की दोस्ती एक बार फिर सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बनी हुई है. दरअसल, बीते तीन दिन पहले आरिफ अपने दोस्त सारस से मिलने कानपुर के चिड़ियाघर पहुंचे थे. आरिफ बिना किसी को बताए टिकट लेकर सारस से मिले थे. आरिफ ने रविवार को सारस से मुलाकात का एक वीडियो अपने फेसबुक अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा, 'मेरा दोस्त किस तरह तड़प रहा है कैद में...'आरिफ ने बताया कि सारस पहले के मुकाबले काफी कमजोर हो गया है. वो बाड़े में काफी परेशान रहता है, उसको काफी घुटन सी भी महसूस हो रही है. उसको इस हालत में देखकर बड़ा दुख हुआ. वो अब भी कोशिश कर रहे हैं कि वो जैसे पहले खुले में रहता था, उसे उसी हाल में छोड़ दिया जाए.
उन्होंने बताया कि जब सारस के बाड़े के पास पहुंचा तो हमने मास्क लगा रखा रखा था. पहले तो सारस पहचान नहीं पाया, मगर जैसे ही हमने अपने चेहरे से मास्क उतारा, सारस खुशी से उछलने और इधर उधर भागने लगा. उसकी इस खुशी को देखकर मन में बहुत प्रसन्नता हुई, तो दूसरी तरफ बहुत दुख भी हुआ. आरिफ को देखते हुए सारस बाड़े में ही पंख फैलाकर खुशी का इजहार करने लगा. करीब 8 मिनट की मुलाकात के दौरान सारस आरिफ से बाड़े के बाहर मिलने को बेताब दिखा.
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आपको बता दें कि अमेठी के रहने वाले आरिफ ने एक घायल सारस को बचाया था. उसके बाद आरिफ ने सारस को अपने घर में ही रख लिया. धीरे-धीरे सारस और आरिफ की दोस्ती बढ़ती गई. जब बात मीडिया में आई तो सरस को रेस्क्यू करते हुए उसे कानपुर जू शिफ्ट कर दिया गया. चूंकि सारस राज्य पक्षी है, लिहाजा उसे संरक्षण प्राप्त है, उसे पाला नहीं जा सकता. लेकिन आरिफ और सारस की दोस्ती काफी मशहूर हुई थी.
सारस को लेकर हुई थी सियासत
इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि ये दूसरों के दुख से सुखी होने वाले लोग हैं, सारस तक की खुशी इनसे देखी नहीं गई. वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा था कि सपा मुखिया अखिलेश यादव सारस की आड़ में आरिफ के नाम पर राजनीति कर रहे हैं. सारस को चिड़ियाघर में कैद नहीं, बल्कि संरक्षित किया गया है.
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