किस फसल की वैरायटी है वशिष्ठ, अप्रैल में करें खेती, बंपर होगी पैदावार

किस फसल की वैरायटी है वशिष्ठ, अप्रैल में करें खेती, बंपर होगी पैदावार

भारत में अलग-अलग फसलें अपनी खास पहचान और स्वाद के लिए जानी जाती हैं. ऐसी ही एक फसल है जिसकी वैरायटी का नाम वशिष्ठ है. इस वैरायटी की खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं इसकी तीन उन्नत किस्में कौन सी हैं?

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किस फसल की वैरायटी है वशिष्ठ, अप्रैल में करें खेती, बंपर होगी पैदावारकिस फसल की वैरायटी है वशिष्ठ

भारत में उगाई जाने वाली कई फसलें अपनी अलग-अलग स्वाद और पहचान के लिए जानी जाती हैं. कई फसलें अपनी बेहतर क्वालिटी और फायदों के लिए मशहूर होती हैं. ऐसी ही एक फसल है जिसकी वैरायटी का नाम कोणार्क स्पेनिश है. इसकी रबी फसलों की कटाई के बाद खरीफ सीजन में होती है. दरअसल, ये मूंगफली की एक खास किस्म है. तिलहन फसलों में मूंगफली एक महत्वपूर्ण फसल है. वहीं, मूंगफली को गरीबों का बादाम भी कहा जाता है. ऐसे में किसान मूंगफली की खेती कर बेहतर मुनाफा भी कमा सकते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं मूंगफली की किस्म वशिष्ठ की खासियत. इसके अलावा ये भी जानेंगे कि मूंगफली की 3 उन्नत वैरायटी कौन सी हैं?

मूंगफली की तीन उन्नत किस्में

वशिष्ठ: मूंगफली की इस किस्म को कम समय में अधिक उत्पादन देने के लिए तैयार किया गया है. इस किस्म के पौधे बीज रोपाई के लगभग 100 से 105 दिन के आसपास खुदाई के लिए तैयार हो जाते हैं. इसमें प्रति हेक्टेयर औसतन उत्पादन 10 से 12 क्विंटल तक पाया जाता है. इसके दानों में तेल की मात्रा 50 प्रतिशत तक पाई जाती है. साथ ही ये किस्म लीफ माइनर और थ्रिप्स के प्रति सहनशील होता है.

कोणार्क स्पेनिश: मूंगफली की इस किस्म को वर्षा आधारित और सिंचित खरीफ के लिए उपयुक्त माना जाता है. इस किस्म में तेल की मात्रा 49 फीसदी होती है. साथ ही इसमें प्रोटीन की मात्रा 29 फीसदी है. ये कीट पर्ण रोगों, मृदा जनित रोगों के लिए मध्यम प्रतिरोधी है. इसमें प्रति हेक्टेयर औसतन उत्पादन 24 क्विंटल तक पाया जाता है. वहीं, ये किस्म 110-115 दिन में तैयार हो जाती है.

अंबर: यह उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में खेती के लिए उपयुक्त किस्मों में से एक है. इसकी फलियों में 72 प्रतिशत तक दाने पाए जाते हैं. वहीं, इस किस्म से प्रति एकड़ जमीन से 10 से 12 क्विंटल फसल की उपज मिलती है. साथ ही बुवाई के करीब 115 से 120 दिन बाद फसल की खुदाई की जा सकती है.

ऐसे करें मूंगफली की खेती

मूंगफली की खेती करने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और मिट्टी का कटाव भी कम होता है. ऐसे में मूंगफली की खेती के लिए, सही मिट्टी का चयन करना चाहिए. मूंगफली की खेती के लिए, हल्की पीली दोमट मिट्टी अच्छी होती है. साथ ही खेती के लिए, जल निकासी वाली मिट्टी का चुनाव करना चाहिए. मूंगफली की खेती के लिए, खेत की तैयारी के समय, गोबर की सड़ी हुई खाद को मिट्टी में मिला देना चाहिए. फिर तैयार किए गए खेत में बीज की बुवाई करना चाहिए. साथ ही बुवाई के बाद सिंचाई का ध्यान रखना चाहिए.

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