कोल्ड प्रेस्ड तेल और रिफाइंड तेल में क्या अंतर है? कच्ची घानी से कितना होता है अलग 

कोल्ड प्रेस्ड तेल और रिफाइंड तेल में क्या अंतर है? कच्ची घानी से कितना होता है अलग 

कोल्ड प्रेस्ड तरीके से निकाले गए तेल का स्वाद, खुशबू और पौष्टिकता एकदम शुद्ध होती है और इसके सभी गुण मौलिक होते हैं. जबकि, रिफाइंड ऑयल को बनाने के लिए कई तरह के प्रोसेस को अपनाया जाता है. वहीं, कच्ची घानी तेल को बनाने के लिए पारंपरिक तरीके का इस्तेमाल होता है. कच्ची घानी का तेल खाने के मामले में सबसे अच्छा बताया जाता है. 

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कोल्ड प्रेस्ड तेल और रिफाइंड तेल में क्या अंतर है? कच्ची घानी से कितना होता है अलग What is the difference between cold pressed oil and refined oil?

जायकेदार खाने के लिए तेल सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. पहले लोग सरसों के तेल में सारा खाना बनाते थे,लेकिन अब खाना पकाने वाले तेल की कई वैरायटी बाजार में मौजूद हैं. खाना पकाने के लिए आज सोयाबीन, तिल का तेल, सनफ्लावर, कनोला, मूंगफली, कोकोनट ऑयल, ऑलिव ऑयल जैसे कई विकल्प बाजार में मौजूद हैं. हालांकि खाना पकाने के तेल के कई सारे ऑप्शन के बीच लोग अक्सर ये सवाल पूछते हैं कि कोल्ड प्रेस्ड ऑयल (कच्ची घानी तेल) और रिफाइंड ऑयल में से स्वास्थ्य के लिए ज्यादा फायदेमंद कौन सा होता है. दोनों एक दूसरे से कितने अलग हैं और इनकी खासियत क्या है.

कच्ची घानी सरसों का तेल क्या है

कच्ची घानी मशीन में कम तापमान पर तिलहन फसलों के बीजों को पीसकर प्राकृतिक रूप से बनाया जाने वाला तेल, कोल्ड प्रेस्ड तेल यानी कच्ची घानी तेल कहलाता है. माना जाता है कि बीजों से तेल निकालने की इस प्रक्रिया में अधिक तापमान का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जिस वजह से इसके गुणों में कोई बदलाव नहीं होता है. यह खाने के लिए बहुत अच्छा होता है. कच्ची घानी सरसों के तेल को भारत में कच्ची घानी के तेल से भी जाना जाता है. इसे भी एक प्रकार से कोल्ड प्रेस्ड तेल ही बोल सकते हैं लेकिन ऐसा तेल बाजार में अब मिलना मुश्किल है. इस तेल में भी किसी प्रकार का कोई केमिकल नहीं मिलाया जाता है और न ही तेल को निकालने के लिए गर्म मशीनों का प्रयोग किया जाता है. इस तेल को भी नहीं छाना जाए तो इसमें सरसों के बीज के सभी गुण मौजूद होते हैं.

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रिफाइंड तेल

जानकारों के अनुसार रिफाइंड तेल बनाने की प्रक्रिया थोड़ी अलग है, लेकिन इसमें कुछ हिस्सा कोल्ड प्रेस्ड जैसा ही होता है. जब तिलहन फसल के बीज से तेल निकाला जाता है तो पूरा तेल नहीं प्राप्त होता. तब उसमें से तेल को पूर्ण रूप से निकालने के लिए इसमें कुछ साल्वेंट डाला जाता है. इस साल्वेंट का काम बीज से तेल को अलग करना होता है. सॉलवेंट मिलाने के बाद बीज को गर्म कर उसमें से तेल निकाला जाता है. इस प्रक्रिया में बीज से पूरा तेल बाहर आ जाता है, जिसे छानकर रिफाइंड तेल बनाया जाता है.

रिसर्च में क्या कहा गया है

कच्ची घानी और अन्य तेलों दोनों में ही अपने-अपने पोषक तत्व पाए जाते हैं. वहीं, अगर बात करें कि दोनों में कौन सबसे बेहतर है, तो इसमें कच्ची घानी को ज्यादा फायदेमंद माना जा सकता है. बाजार में इसका दाम सबसे ज्यादा होता है. इस बात की जानकारी नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च से मिलती है. इस रिसर्च में बताया गया है कि अन्य रिफाइंड तेलों के मुकाबले  कच्ची घानी तेल ज्यादा अच्छा और लाभदायक बताया जाता है.

कौन सा तेल खाने के लिए सबसे अच्छा

जानकारों का कहना है कि कोल्ड प्रेस्ड तेल का उपयोग खाने में बहुत अच्छा है क्योंकि इसमें कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो इंसानों में बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं. कोल्ड प्रेस्ड तेल को कच्चा उपयोग करना या फिर हल्का गरम करके ही प्रयोग करना काफी लाभदायक होता है.

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