दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. भारतीय मौसम विभाग यानी IMD की तरफ से जारी ताजे पूर्वानुमान के अनुसार मॉनसून 31 मई को केरल में दस्तक देगा, जो मॉनसून के लिए निर्धारित 1 जून से एक दिन पहले है. इस गणित के अनुसार इस बार समय से एक दिन पहले ही मॉनसून के सक्रिय होने की संंभावनाएं हैं, जबकि पिछले साल 8 जून को मॉनसून की एंट्री केरल में हुई थी.
कुल जमा IMD के हालिया पूर्वानुमान के मुताबिक मॉनसून समय से पहले दस्तक देने जा रहा है. आइए इसी कड़ी में जानते हैं कि आखिर क्यों कहा जा रहा है कि इस साल मॉनसून की समय से पहले एंट्री होने जा रही है. साथ ही ये भी जानेंगे कि देश के किस राज्य में किस तारीख को मॉनसून दस्तक देगा.
साधारण शब्दों में मॉनसून को मौसमी हवा भी कहा जा सकता है, जो अपने साथ नमी लाती है और इस कारण बारिश होती है. असल में माॅनसून हिंद महासागर और अरब सागर की ओर से आने वाली हवाएं हैं, जो जून से सितंबर यानी 4 महीने तक सक्रिय रहती हैं. मॉनसून को लेकर चंद्र शेखर आजाद कृषि व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ सुनील पांडेय कहते हैं कि मॉनसूनी हवाएं अरब सागर से बनती है,जो अंग्रेजी वर्णमाल के यू शब्द के शेप में आगे बढ़ती हैं. वह कहते हैं कि केरल के 7 क्षेत्रों में जब एक साथ ढ़ाई एमएम बारिश होती है, तब आधिकारिक तौर पर माॅनसून की एंट्री की घोषणा की जाती है.
मॉनसून की समय से पहले एंट्री से जुड़े सवाल का जवाब खोजने से पहले इस साल मॉनसून में बारिश को लेकर जारी पूर्वानुमान की बात कर लेते हैं. IMD की तरफ से जारी पूर्वानुमान के मुताबिक इस साल मॉनसून में ला नीना का प्रभाव दिखेगा. इस वजह से देश के अधिकांश राज्यों में सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान जारी किया गया है.
सबसे पहले केरल पहुंचेगी मॉनसून एक्सप्रेस, सबसे आखिर में राजस्थान में दस्तक देगा मॉनसून
राज्य | तारिख |
केरल | 1 से 3 जून |
तमिलनाडु | 1 से 5 जून |
आंध्र प्रदेश | 4 से 11 जून |
कर्नाटक | 3 से 8 जून |
बिहार | 13 से 18 जून |
झारखंड | 13 से 17 जून |
वेस्ट बंगाल | 7 से 13 जून |
छत्तीसगढ़ | 13 से 17 जून |
गुजरात | 19 से 30 जून |
मध्य प्रदेश | 16 से 21 जून |
महाराष्ट्र | 9 से 16 जून |
गोवा | 5 जून |
ओडिशा | 11 से 16 जून |
चंडीगढ़ | 28 जून |
दिल्ली | 27 जून |
उत्तर प्रदेश | 18 से 25 जून |
हरियाणा | 27 जून से 3 जुलाई |
हिमाचल प्रदेश | 22 जून |
जम्मू-कश्मीर | 22 से 29 जून |
उत्तराखंड | 20 से 28 जून |
पंजाब | 26 जून से 1 जुलाई |
राजस्थान | 25 जून से 6 जुलाई |
मॉनसून की तय समय से एंट्री पहले भी होती रही है. इसके पीछे कई कारण होते हैं. इसकी जानकारी देते हुए एक मौसम वैज्ञानिक कहते हैं कि इस बार भी अंंडमान सागर और द्वीप समूह में मॉनसून समय से दो दिन पहले 19 मई को पहुंचने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल भी 19 मई को दस्तक दी थी, लेकिन मॉनसून 9 दिन देरी से 8 जून को केरल पहुंचा. ऐसे में अभी पूर्वानुमान पर अंतिम मुहर लगाना जल्दीबाजी होगा. वह कहते हैं कि तय समय से पहले मॉनसून की एंट्री की कई वजह हाे सकती हैं, जिसमें चक्रवात, निम्न दबाव का क्षेत्र, पछुवा हवाएं और ला नीना का प्रभाव शामिल हैं. इस बार ला नीना का प्रभाव मॉनसून पर है.
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today