अमेरिका के किसानों पर टैरिफ अनिश्चितता जारी रहने के चलते मार्जिन का दबाव हुआ है. राबोरिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है. इसमें बताया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिशोधात्मक टैरिफ 2025-26 के सीजन तक किसानों को सीधे प्रभावित नहीं कर सकते हैं, लेकिन अगर अमेरिका अपनी मौजूदा व्यापार नीति बनाए रखता है तो अगली फसल में खतरा हो सकता है. राबो रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक यह साफ नहीं है कि ये तब तक शुल्क लागू रहेंगे या नहीं.
अप्रैल की शुरुआत में ‘लिबरेशन डे’ पर अमेरिका द्वारा घोषित ये शुल्क और उनका कृषि क्षेत्र पर संभावित असर किसानों के लिए काफी अनिश्चितता लेकर आए हैं. खासकर उन अमेरिकी किसानों के लिए जो 2026 की फसल की योजना बना रहे हैं. कई उत्पादकों की वित्तीय स्थिति नाजुक होने के कारण यह चिंता और बढ़ गई है.
बिजनेसलाइन में छपी एक खबर के मुताबिक, रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अगले सीजन में अमेरिकी किसानों को उत्पादन लागत बढ़ने का सामना करना पड़ सकता है, खासकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरक की बढ़ती कीमतों के कारण. वैश्विक आपूर्ति की कमी ने फॉस्फेट की कीमत को चिंता का बड़ा कारण बना दिया है और किसान मोनोअमोनियम फॉस्फेट (MAP) के लिए बेहद महंगा परिदृश्य देख रहे हैं. राबो रिसर्च का MAP अफोर्डेबिलिटी इंडेक्स -0.68 पर है, जो 2010 के बाद सबसे कम स्तर है.
2026 के लिए अनुमानित मुनाफे के अनुसार, सोयाबीन की लाभप्रदता लगभग 13 प्रतिशत रह सकती है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 200 बेसिस पॉइंट कम है. इसका कारण व्यापार अस्थिरता और लागत में उतार-चढ़ाव है. मक्का के लिए संचालन मार्जिन घटकर लगभग 7 प्रतिशत हो जाएंगे, जबकि 2025 में यह लगभग 13 प्रतिशत था. इन स्तरों पर संचालन मार्जिन का मतलब है कि कुल मार्जिन, सभी लागतों को मिलाकर, नकारात्मक होंगे. ऐसे में अमेरिकी किसान अपनी वित्तीय जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए संभवतः OBBBA (वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट) प्रोग्राम पर निर्भर रहेंगे.
वैश्विक फसल मार्जिन की बात करते हुए रिपोर्ट ने कहा गया है कि प्रमुख कृषि क्षेत्रों में फसल उगाने वाले किसानों के लिए यह साल भी चुनौतीपूर्ण रहेगा. उत्पादक कम होते हुए कमोडिटी दामों और लगातार बढ़ती इनपुट लागत का सामना कर रहे हैं. 2025 का परिदृश्य पिछले साल से भी जटिल है, जिसमें भू-राजनीतिक तनाव और नए शुल्क अस्थिरता बढ़ा रहे हैं. हालांकि, कुछ राहत फसल सुरक्षा लागत में मिल सकती है, लेकिन संचालन खर्च बढ़ रहे हैं.
सीमित मार्जिन के बावजूद उत्पादन के रुझान यह दिखाते हैं कि किसान अपने खेतों में निवेश जारी रखेंगे और उत्पादन बढ़ाने या बनाए रखने का प्रयास करेंगे. अनुमानित आंकड़े मक्का और सोयाबीन की रिकॉर्ड फसल की ओर इशारा करते हैं. राबो रिसर्च के सीनियर एनालिस्ट ब्रूनो फोंसेका ने कहा कि ये रिकॉर्ड उत्पादन स्तर कमोडिटी कीमतों के बावजूद हासिल किए जा रहे हैं, जबकि भंडार स्तर घट रहे हैं.
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