अमरूद भारत का लोकप्रिय फल है, जो स्वाद और पोषण दोनों के लिए जाना जाता है. पिछले कुछ वर्षों में अमरूद की विदेशी किस्मों की ओर किसानों का रुझान तेजी से बढ़ा है. इन्हीं किस्मों में से एक है थाई ब्लैक डायमंड अमरूद, जिसे इसकी आकर्षक बनावट और उच्च उत्पादन क्षमता के कारण किसान बड़े पैमाने पर अपनाने लगे हैं. यह किस्म पारंपरिक अमरूद से अलग है और बाजार में अच्छे दाम दिलाने के साथ ही किसानों को निवेश पर शानदार मुनाफ़ा देती है.
थाई ब्लैक डायमंड अमरूद का बाहरी छिलका गहरे बैंगनी-काले रंग का होता है, जबकि अंदर से इसका गूदा सफेद और मीठा होता है. फल का आकार सामान्य अमरूद से बड़ा होता है और वजन 250 से 500 ग्राम तक हो सकता है. इस किस्म की शेल्फ लाइफ भी अधिक होती है, यानी तोड़ने के बाद यह जल्दी खराब नहीं होता. यही वजह है कि यह फल लंबी दूरी के बाजारों और निर्यात के लिए भी उपयुक्त है.
थाई ब्लैक डायमंड अमरूद की खेती समतल भूमि पर आसानी से की जा सकती है. यह गर्म और शुष्क जलवायु के साथ-साथ नमी वाले क्षेत्रों में भी अच्छा उत्पादन देता है. पौधों को रोपने के लिए 4x4 या 5x5 मीटर की दूरी आदर्श मानी जाती है. एक हेक्टेयर में लगभग 500 से 600 पौधे लगाए जा सकते हैं. इस किस्म की खासियत यह है कि इसे बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं होती. नियमित सिंचाई, समय-समय पर खाद और कीट प्रबंधन से यह पौधा बेहतर पैदावार देता है. पौधे को रोपने के 18 से 24 महीने के भीतर फल आना शुरू हो जाता है.
अगर किसान एक हेक्टेयर में थाई ब्लैक डायमंड अमरूद की खेती करते हैं, तो शुरुआती निवेश पौधों की खरीद, गड्ढा खुदाई, सिंचाई व्यवस्था और खाद मिलाकर लगभग 2.5 से 3 लाख रुपये तक आता है. एक पौधे की कीमत 150–200 रुपये तक होती है. एक हेक्टेयर में लगाए गए पौधे दूसरे साल से ही अच्छी पैदावार देने लगते हैं.औसतन एक पौधा 25 से 30 किलो अमरूद देता है. यानी एक हेक्टेयर से किसान सालाना 10 से 12 टन तक उत्पादन ले सकते हैं.
बाजार में थाई ब्लैक डायमंड अमरूद की कीमत साधारण अमरूद की तुलना में कहीं अधिक मिलती है. जहां सामान्य अमरूद 20–30 रुपये किलो बिकता है, वहीं इस किस्म की मांग 70 से 100 रुपये किलो तक रहती है. त्योहारों और ऑफ-सीजन में यह दाम और भी बढ़ जाते हैं. अगर औसतन 80 रुपये किलो का भाव मान लिया जाए, तो एक हेक्टेयर से किसान सालाना 8 से 10 लाख रुपये तक की आय कर सकते हैं. शुरुआती सालों के निवेश को घटाने के बाद भी किसानों को प्रति वर्ष लगभग 5 से 6 लाख रुपये का नेट प्रॉफिट मिलना संभव है.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today