आज कल लोग घरों में कई प्रकार का फूल लगाते हैं. कई लोग फूल साज-सज्जा के लिए लगाते हैं तो वहीं कई लोग उसके आयुर्वेदिक फायदों को देखते हुए लगाते हैं. वहीं कई लोग सेहत में सुधार के लिए आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं. ऐसे लोगों के लिए प्रकृति में फ्री में मिलने वाली आयुर्वेदिक फूलों का इस्तेमाल करके लोग हेल्थ से जुड़ी कई समस्याओं को दूर कर सकते हैं. आज हम आपको प्रकृति की देन ऐसे ही एक फूल के बारे में बताने जा रहे हैं. इस फूल का नाम कचनार है. यह आयुर्वेदिक डॉक्टरों की फेवरेट जड़ी-बूटी है. इसे घर में लगाकर आप कई बीमारियां से बच सकते हैं. आइए जानते हैं क्या है कचनार फूल के फायदे और इसकी खासियत.
कचनार को एक सुंदर और उपयोगी फूल के रूप में जाना जाता है. कचनार आर्केड पेड़ का फल है. इसके फूल और कलियां कच्चे होने पर कड़वे लगते हैं लेकिन इसका इस्तेमाल अचार बनाने में किया जाता है. यह मुख्य रूप से बसंत ऋतु में बढ़ता है. वहीं इस फूल का धार्मिक महत्व भी है. त्रेता युग में कचनार को अयोध्या का राज्य वृक्ष माना जाता था. आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में कचनार को औषधीय रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं.
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इसके फायदे को देखते हुए लोगों को इसके पौधे अपने घरों में लगाने चाहिए. दरअसल कचनार के पत्ते ब्लड शुगर लेवल को कम करने और डायबिटीज को कंट्रोल करने के अलावा कैंसर और त्वचा रोग में मदद करते हैं. साथ ही कचनार मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद करता है. आयुर्वेद के अनुसार कचनार पाउडर को शहद या गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से थायरॉइड को मैनेज करने में मदद मिलती है.
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