भगवा अनार, लेटेकू, अंजीर का जूस... 2014 के बाद बढ़ा भारत का कृषि निर्यात, लिस्‍ट में इन फलों और उत्‍पादों के नाम

भगवा अनार, लेटेकू, अंजीर का जूस... 2014 के बाद बढ़ा भारत का कृषि निर्यात, लिस्‍ट में इन फलों और उत्‍पादों के नाम

साल 2014 से भारत के कृषि-निर्यात में जो उछाल आया है, उसके पीछे विभि‍न्‍न अनूठे फल और उत्‍पाद बड़ी वजह हैं. कई उत्‍पाद तो ऐसे हैं, जो पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंच रहे हैं. वैश्विक बाजारों में भारत के भगवा अनार, लेटेकू, अंजीर का जूस आदि की बढ़ि‍या डिमांड है.

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भगवा अनार, लेटेकू, अंजीर का जूस... 2014 के बाद बढ़ा भारत का कृषि निर्यात, लिस्‍ट में इन फलों और उत्‍पादों के नामऑस्‍ट्रेलि‍या के लोगों को पसंद आ रहा भगवा अनार

भारत कृषि और बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नई-नई पहलें अपनाई जा रही हैं. खासकर भारत से विभ‍िन्‍न ऐसे उत्‍पादों को एक्‍सपोर्ट किया जा रहा है, जो आजतक पहले कभी स्‍थानीय होकर ही रह गए थे. अब भारतीय फलों के एक्‍सपोर्ट का आलम यह है कि भारत का अनार अमेरिका के खुदरा दुकानों में पहुंंच रहा है. पोलैंड में भारतीय अंजीर के रेडी टू ड्रिंक जूस की धूम है, लोग इसे पंसद कर रहे हैं. ब्रिटेन और बहरीन में भारतीय ड्रैगन फ्रूट, अमेरिका में लाल चावल और दुबई में असम का लेटेकू फल मांग स्‍वरूप आसानी से पहुंच रहा है. ये तो रहे कुछ जाने पहचाने से नाम… कुछ अनूठे उत्‍पाद भी एक्‍सपोर्ट किए जा रहे हैं और यह लिस्‍ट काफी लंबी है. 

फलों और अनूठे उत्‍पादों से बढ़ा कृषि निर्यात

बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अफसर ने बताया कि साल 2014 से भारत के कृषि-निर्यात में जो उछाल आया है, उसके पीछे विभि‍न्‍न अनूठे फल और उत्‍पाद बड़ी वजह हैं. कई उत्‍पाद तो ऐसे हैं, जो पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहुंच रहे हैं. यह विस्‍तार व्‍यापार के लिहाज से तो ऐतिहासिक है ही साथ ही इससे किसान को सशक्‍त करने, गांव के लोगों की आय बढ़ाने में मदद मिल रही है और भारत की समृद्ध कृषि विरासत को वैश्विक मंच मिल रहा है. विदेशी फलों से लेकर पारंपरिक स्टेपल तक की पहली खेपें यह बयां करती हैं कि आत्मनिर्भर भारत के लिए सरकार का दृष्टिकोण किसानों के लिए नए अवसर पैदा कर रहा है. 

ऑस्‍ट्रेल‍िया में भारतीय फलाें की डिमांड

रिपोर्ट के मुताबिक, अध‍िकारी ने पहली बार निर्यात किए गए उत्‍पादों के अनुभव साझा किए. भारत से पहली बार समुद्री मार्ग के जरिए प्रीमियम सांगोला और भगवा अनार की पहली खेप सफलतापूर्वक ऑस्ट्रेलिया भेजी गई थी, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया में भारत के ताजा फलों की डिमांड बढ़ी और इनकी इनके बाजार का विस्‍तार हो गया. पहले फलों की खेप को हवाई मार्ग से एक्‍सपोर्ट किया जा रहा था और कुल लागत ज्‍यादा होती थी. 

अमेरिका भेजा गया भगवा अनार

साल 2023 में महाराष्ट्र से भगवा किस्म के ताज़े अनार की पहली ट्रायल खेप हवाई रास्‍ते में अमेरिका भेजी गई थी. भारत से निर्यात किए जाने वाले इस अनार की लगभग 50 प्रतिशत हिस्‍सेदारी अकेले सोलापुर जिले से आती है. यहां की पुरंदर अंजीर को जीआई-टैग मिला हुआ है. इसका रेडी-टू-ड्रिंक जूस पहली बार 2024 में पोलैंड भेजा गया था, इसके पहले 2022 में इसे जर्मनी एक्‍सपोर्ट किया गया था. पुरंदर अंजीर अपने अनोखे स्वाद और बनावट के लिए मशहूर हैं. अध‍िकारी ने कहा कि केंद्र का एक जिला एक उत्‍पाद कार्यक्रम भी फलों के एक्‍सपोर्ट को बढ़ावा मिल रहा है. खासकर इससे पूर्वोत्तर राज्‍यों को काफी फायदा हो रहा है. 

भारत से कब-कब और क्‍या-क्‍या एक्‍सपोर्ट हुआ?

ड्रैगन फ्रूट, का स्‍थानीय नाम 'कमलम' है. साल 2021 में गुजरात के कच्‍छ से ड्रैगन फ्रूट की खेप लंदन भेजी गई थी, जबकि‍ बहरीन को मिदनापुर (पश्चिम बंगाल) से ड्रैगन फ्रूट भेजे गए थे. 2021 में असम में 'लेटेकु' नाम से प्रचलित बर्मी अंगूरों की एक खेप गुवाहाटी से दिल्ली के रास्ते दुबई भेजी गई. 2021 में ही जर्मनी को त्रिपुरा से ताजा कटहल भेजी गई थी.

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