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Ratan Tata: सिंगूर, किसान आंदोलन, नैनो कार प्लांट...और बदल गई बंगाल की पूरी राजनीति

Ratan Tata: सिंगूर, किसान आंदोलन, नैनो कार प्लांट...और बदल गई बंगाल की पूरी राजनीति

साल 2006 में टाटा मोटर्स ने नैनो प्रोजेक्ट का ऐलान किया. इसकी कीमत एक लाख रुपये रखी गई और मकसद था भारत के लाखों परिवारों को सस्ती दर पर कार उपलब्ध कराना. टाटा मोटर्स ने कार बनाने के लिए कोलकाता से सटे सिंगूर को चुना जो कि बहुफसली उर्वर जमीन के लिए प्रसिद्ध है. इस जगह को तब की लेफ्ट फ्रंट की सरकार ने चुना था.

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नैनो कार के साथ रतन टाटा नैनो कार के साथ रतन टाटा

2008 में दुर्गा पूजा के दौरान उद्योगपति रतन टाटा ने घोषणा की कि वे सिंगूर से नैनो कार प्लांट को हटा रहे हैं. तब प्लांट लगभग तैयार हो चुका था. इसके पीछे ममता बनर्जी के भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आंदोलन को असली कारण बताया गया. रतन टाटा ने उस वक्त नैनो कार प्लांट को दुनिया की सबसे सस्ती कार बनाने वाला 'ग्राउंडब्रेकिंग प्रोजेक्ट' करार दिया था. कार प्लांट के सिंगूर से हटने के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति पूरी तरह से बदल गई और ममता बनर्जी की राजनीति का उदय हुआ. उस घटना के 16 साल बाद रतन नवल टाटा ने बुधवार रात मुंबई में 86 साल की उम्र में अंतिम सांस ली.

साल 2006 में टाटा मोटर्स ने नैनो प्रोजेक्ट का ऐलान किया. इसकी कीमत एक लाख रुपये रखी गई और मकसद था भारत के लाखों परिवारों को सस्ती दर पर कार उपलब्ध कराना. टाटा मोटर्स ने कार बनाने के लिए कोलकाता से सटे सिंगूर को चुना जो कि बहुफसली उर्वर जमीन के लिए प्रसिद्ध है. इस जगह को तब की लेफ्ट फ्रंट की सरकार ने चुना था. तब प्रदेश के मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य हुआ करते थे जो बंगाल में ओद्योगिक गतिविधियों को तेज करना चाहते थे.

नैनो कार प्लांट का किस्सा

कार प्लांट के लिए करीब 1,000 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया ने सिंगूर में व्यापक अशांति पैदा कर दी. कई किसानों ने मुआवजा मंजूर कर लिया, लेकिन कई ने अपनी रोजी-रोटी के नुकसान के डर से अपनी जमीन देने से इनकार कर दिया. 2006 के विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद अपनी राजनीतिक किस्मत को फिर से चमकाने के लिए उत्सुक विपक्षी नेता ममता बनर्जी ने तुरंत किसानों का साथ दिया और उन लोगों से 400 एकड़ जमीन वापस करने की मांग की, जिन्होंने इसे अपनी इच्छा से नहीं बेचा था. उन्होंने भूमि के "जबरन अधिग्रहण" के खिलाफ उग्र विरोध प्रदर्शन किया.

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जून 2008 में, पूर्बा मेदिनीपुर, दक्षिण 24 परगना और सिंगूर क्षेत्र में पंचायत चुनावों में टीएमसी की शानदार जीत ने उनके आंदोलन को नई गति दी और अगस्त तक, उन्होंने फैक्ट्री गेट के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया. इसमें हजारों समर्थक शामिल हुए और विरोध को और भी तेज कर दिया. तत्कालीन राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी ने लेफ्ट फ्रंट सरकार और बनर्जी के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई. लेकिन गतिरोध कम करने के तमाम प्रयासों के बावजूद मामला फंसा रहा. अंततः टाटा को सिंगूर से बाहर निकलना पड़ा.

रतन टाटा की प्रेस कॉन्फ्रेंस  

रतन टाटा ने सिंगूर से हटने के निर्णय को "दुखद" बताया था. इसके लिए उन्होंने ममता बनर्जी को दोषी ठहराया था और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके लगातार विरोध का जिक्र करते हुए कहा था, "मुझे लगता है कि सुश्री बनर्जी ने ट्रिगर खींच लिया है."  हालांकि, बनर्जी और टीएमसी ने टाटा पर राजनीतिक पक्षपात का आरोप लगाया और दोहराया कि उनका विरोध औद्योगीकरण के लिए नहीं बल्कि उपजाऊ कृषि जमीन के जबरन अधिग्रहण के लिए है. सिंगूर से हटने के कुछ समय बाद, टाटा मोटर्स ने घोषणा की कि वह नैनो प्लांट को गुजरात के साणंद में शिफ्ट करेगी. तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका स्वागत किया, जिसके बाद नैनो प्लांट की स्थापना और कारों की मैन्युफैक्चरिंग शुरू हो गई.

ममता बनर्जी का उदय

सिंगूर आंदोलन ने पश्चिम बंगाल की राजनीति को बेहद प्रभावित किया और ममता बनर्जी को प्रमुखता दिलाई. भूमि अधिग्रहण के उनके उग्र विरोध ने ग्रामीण वोटर्स को प्रभावित किया और उनकी पार्टी, टीएमसी को 2009 के आम चुनावों में 19 सीटें हासिल करने में मदद की. जबकि 2004 में उसे केवल एक सीट मिली थी. इसने अंततः उन्हें 2011 में तीन दशकों से अधिक के लेफ्ट फ्रंट सरकार को समाप्त करने और पश्चिम बंगाल के हाशिए पर पड़े और ग्रामीण समुदायों के लिए एक चैंपियन के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत करने में कामयाब बनाया.

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2011 में सत्ता में आने के तुरंत बाद, ममता बनर्जी की सरकार ने नैनो प्लांट के लिए किसानों से ली गई जमीन वापस करने का आदेश दिया. फिर पुलिस ने रातोंरात जमीन पर कब्जा कर लिया और जब टाटा मोटर्स ने इस फैसले को चुनौती दी तो अदालती लड़ाई शुरू हो गई. अंततः, 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने जमीन को उसके असली मालिकों को वापस करने का आदेश दिया. इसके बाद खाली पड़े नैनो कारखाने को ध्वस्त कर दिया गया.(PTI)