सर्दियों ने दस्तक देनी शुरू कर दी है. ऐसे में लोग अपनी डाइट का खास ध्यान रखते हैं. सर्दियों का मौसम आते ही पूरे देश में हरी सब्जियों की एक बहार सी आ जाती है. बाजारों में सरसों, पालक, मेथी, बथुआ जैसे कई साग मिलने लगते हैं, जो न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होते हैं बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं, लेकिन आज हम आपको ऐसे साग के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं है. इस साग का नाम है नोनी का साग.
इस साग में कई तरह के गुण छिपे हुए हैं. इस साग को स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. ये साग सेहत का बेहतर खयाल रखने में मदद करता है. वहीं इसे खाने से कई शारीरिक समस्याओं से बचा जा सकता है. आइए जानते हैं नोनी के साग की खासियत और फायदे.
नोनी साग की पत्तियां काफी हद तक आम घास की तरह दिखाई देती हैं. वहीं पूर्वी उत्तर भारत, बिहार, असम और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में नोनी साग बहुत ही चाव से खाया जाता है. वहीं बिहार, झारखंड में मनाए जाने वाले जितिया पर्व में व्रती नोनी का साग खाती हैं. इस साग के बिना जितिया के पर्व को अधूरा माना जाता है. ये एक ऐसा साग है जो हर तरह की परिस्थिति में बिना किसी मेहनत के न सिर्फ उगाया जा सकता है, बल्कि बढ़ता भी खूब है.
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कुछ राज्यों में इस साग का धार्मिक महत्व भी है. खासकर बिहार और झारखंड में मनाया जाने वाला पर्व जितिया, जो व्रत ईश्वर से संतान की निरोगी काया, लंबी आयु और बुद्धि-विवेक की कामना के लिए किया जाता है. इस पर्व में महिलाएं घरों में नोनी के साग की रेसिपी के साथ इस व्रत का पारण करती हैं.
नोनी की पत्तियों में फ्लेवोनॉयड्स, प्रोटीन, सेपोनिन और टैनिन कंपाउंड मौजूद होते हैं. इसमें विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन डी और विटामिन ई भी पाया जाता है. इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं.
नोनी की पत्तियां घास जैसी दिखती हैं, लेकिन इनमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होते हैं. सर्दियों में नोनी का साग खाने से शरीर को अनेक प्रकार के लाभ मिलते हैं.
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