सभी लोगों के जीवन में फलों का अपना एक अलग ही महत्व है. इसलिए स्वस्थ रहने के लिए लोग कई प्रकार के फलों का सेवन करते हैं. ऐसा ही एक फल है कदम्ब या कदम. भारत में कदम्ब के पेड़ को देव वृक्ष माना जाता है. कदम्ब आयुर्वेद में अपने औषधीय गुणों के लिए बहुत ही मशहूर है. कदम्ब का स्वास्थ्यवर्द्धक गुण बहुत सारे रोगों के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है. कदम्ब की एक विशेष बात ये है कि इसके पत्ते बहुत बड़े होते है और इसमें से गोंद निकलता है. इसके फल नींबू की तरह होते हैं. कदम के फूलों का अपना अलग ही महत्व है. बारिश के मौसम में इसके पेड़ों पर फूल आने लगते हैं, जो कुछ ही महीनों में फल बन जाते हैं.
इस पेड़ को भारत में धार्मिक तौर पर भी जोड़ा जाता है. ऐसा कहा जाता है कि बादलों की गरज से इसके फूल खिलने शुरू होते हैं. सामान्य तौर पर पेड़ के चार से पांच साल होने पर इसमें फूल खिलने लगते हैं. आइए जानते हैं क्या है कदम्ब की खासियत और उसके फायदे.
कदम्ब को बटर फ्लावर-ट्री, लैरन और लीचर्ड पाइन भी कहते हैं. ये मुख्य रूप से भारत के अंडमान, बंगाल और असम में पाया जाता है. कदम्ब का पेड़ बहुत जल्दी बढ़ता है. इसके पेड़ की ऊंचाई 20 से 40 फीट तक हो सकती है. इसके पत्ते महुवा से काफी मिलते-जुलते हैं. जो आकार में बड़े होते हैं और इनसें गोंद निकलता है. इसके फूल काफी सुगंधित होते हैं, जिनका इस्तेमाल इत्र बनाने के लिए भी किया जाता है. साथ ही, इसकी पत्ती, छाल और फल का इस्तेमाल विभिन्न तरह के स्वास्थ्य स्थितियों के उपचार में एक औषधि के तौर पर किया जा सकता है. कदम्ब के फूल के सुगंध को लेकर कहा जाता है कि यह भगवान कृष्ण को भी अत्यंत प्रिय है.
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कदम्ब का पेड़ विशेष रूप से अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है, क्योंकि ये कई बीमारियों को दूर करने में मदद कर सकता है. ऐसा माना जाता है कि इसे खाने से कैंसर, पाचन शक्ति से जुड़ी दिक्कत, डायबिटीज के अलावा मोटापा कम करने में भी मदद करता है.
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