Kisan Andolan: कांग्रेस विपक्ष में रहकर भी क्‍या MSP गारंटी कानून लागू करवा सकती है!

Kisan Andolan: कांग्रेस विपक्ष में रहकर भी क्‍या MSP गारंटी कानून लागू करवा सकती है!

लोकसभा चुनाव 2024 कई मायनों में विशेष रहा है, जिसमें एक विशेषता ये रही है कि ये चुनाव किसान केंद्रित रहा. मतलब, किसान आंदोलन के बीच शुरू हुए लोकसभा चुनाव ने राजनीतिक दलों को किसानों के मुद्दों पर वादे करने के लिए राजनीतिक दलों को मजबूर कर दिया.

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Kisan Andolan: कांग्रेस विपक्ष में रहकर भी क्‍या MSP गारंटी कानून लागू करवा सकती है!MSP गारंटी कानून बनाने में कांग्रेस निभा सकती है अहम भूमिका

MSP गारंटी कानून की मांग को लेकर 13 फरवरी से पंजाब-हरियाणा पर किसानों का आंदोलन जारी है. इस बीच देश में नए लोकसभा चुनाव संपन्‍न हो चुके हैं, जिसके नतीजों में किसानों का प्रभाव दिखाई दिया है और देश में किसी भी राजनीतिक दल को सरकार बनाने के लिए स्‍पष्‍ट बहुमत नहीं मिला.हालांकि बीजेपी के नेतृत्‍व वाले एनडीए को बहुमत से अधिक सीटें मिली हैं, जिसके बाद नरेद्र मोदी की बतौर प्रधानमंत्री तीसरी बार ताजपोशी होने जा रही है और यहीं से शुरू होगा मोदी सरकार 3.0 का कार्यकाल, लेकिन मोदी सरकार 3.0 के लिए सबसे बड़ी चुनौती किसानों से जुड़े मुद्दे होने वाले हैं, जिसमें MSP गारंटी कानून का मुद्दा गले की फांंस बनता हुआ दिखाई दे रहा है.

अब मोदी सरकार 3.0 कैसे इन मुद्दों से निपटेगी, ये देखने लायक होगा, लेकिन कांग्रेस विपक्ष में रहकर भी MSP गारंटी कानून को लागू करवाने में अहम भूमिका निभा सकती है. आइए समझते हैं कि क्‍यों और कैसे कांग्रेस विपक्ष पर रहकर MSP गारंटी कानून को लागू करवाने में अहम भूमिका सकती है. 

कांग्रेस का घोषणा पत्र और संसद में मजबूती 

लोकसभा चुनाव 2024 कई मायनों में विशेष रहा है, जिसमें एक विशेषता ये रही है कि ये चुनाव किसान केंद्रित रहा. मतलब, किसान आंदोलन के बीच शुरू हुए लोकसभा चुनाव ने राजनीतिक दलों को किसानों के मुद्दों पर वादे करने के लिए राजनीतिक दलों को मजबूर कर दिया. इसी कड़ी में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में सत्‍ता में आने पर MSP गारंटी कानून लागू करवाने का वादा किसानों से किया है.

इसके साथ ही कांग्रेस ने किसानों से कई वायदे किए हैं. इन्‍हीं वादों का नतीजा है कि कांग्रेस इस लोकसभा चुनाव में 99 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन कर उभरी है. तो वहीं कांग्रेस के नेतृत्‍व वाला इंडी गठबंधन को भी 234 सीटें (कांग्रेस की सीटें भी शामिल) मिली हैं. मतलब, लंबे समय बाद सदन में कांग्रेस मजबूत हुई है, तो वहीं इंडी गठबंधन की ये सीटें बहुमत के गणित में विपक्ष को मजबूती प्रदान करते हैं.

गहलोत का घोषणा पत्र और MSP गारंटी कानून

विपक्ष में बैठी कांग्रेस कैसे MSP गारंटी कानून को लागू करवाने में अहम भूमिका निभा सकती है. इस सवाल को डिकोड करना कई लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है. क्‍योंकि विपक्ष के पास नियम बनाने के अधिकार नहीं होते हैं, लेकिन MSP गारंटी कानून के मुद्दे पर कांग्रेस विपक्ष में बैठकर भी मास्‍टर स्‍ट्रोक प्‍ले कर सकती है. कैसे!...इस सवाल का जवाब राजस्‍थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए जारी कांग्रेस का घोषणा पत्र है, जिसे खुद तत्‍कालीक मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने जारी किया था और राजस्‍थान के किसानों से वादा किया था कि अगर वह सत्‍ता में लौटते हैं तो राजस्‍थान में MSP गारंटी कानून लागू करवाएंगे. हालांकि सत्‍ता में उनकी वापसी नही हो सकी, लेकिन MSP गारंटी कानून लागू करवाने के वादे के साथ कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 लड़ा.

कांग्रेस राज्‍य में लागू कर केंद्र पर डाल सकती है दवाब

राजस्‍थान विधानसभा चुनाव से पहले अशोक गहलोत ने किसानों से MSP गांरटी कानून लागू करवाने का वादा किया था, हालांकि अशोक गहलोत चुनावी वैतरणी पार नहीं कर सके, लेकिन अशाेक गहलोत का ये वादा मौजूदा वक्‍त में विपक्ष में बैठी कांग्रेस को MSP गारंटी कानून लागू करवाने का फार्मूला उपलब्‍ध करा सकता है. जिसके तहत कांग्रेस शासित किसी राज्‍य में MSP गारंटी कानून लागू कर केंद्र सरकार पर दवाब डाला जा सकता है. इसको लेकर किसान महापंचायत के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष रामपाल जाट कहते हैं कि भारतीय संविधान में MSP गारंटी कानून बनाने का अध‍िकार राज्यों के पास है. केंद्र के पास सिर्फ दो ही स्‍थितियों में MSP गारंटी कानून बनाने का अधिकार है. एक, जब राज्‍यसभा लोकहित में इस कानून बनाने का संकल्‍प पारित करे, दूसरा देश के दो व‍िधानमंडल MSP गारंटी कानून को लेकर संकल्प पार‍ित करे.

रामपाल जाट बताते हैं कि देश के अधिकांश राज्‍यों में कृष‍ि उपज मंडी अध‍िन‍ियम लागू है. इस अध‍िन‍ियम में नियमों नहीं बनाए गए हैं, बस MSP से नीचे फसल नहीं खरीदने की आज्ञा दी गई है. बस राज्‍य सरकारों को इस प्रावधान में नियमों को बनाना है. जिसके तहत अगर राज्‍य सरकार ये नियम बना देती है कि किसी भी फसल खरीद के लिए मंंडी में बोली MSP से ही शुरू होगी. इस फार्मूले से स्‍वत: ही MSP गारंटी कानून लागू हो जाएगा.

मालूम हो कि मौजूदा वक्‍त में तेलंगना, कर्नाटक और हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है. अगर किसान नेता रामपाल जाट के इस फार्मूले पर कांग्रेस अमल कर किसी भी राज्‍य में MSP गारंटी कानून बनवा लेती है और केंद्रीय स्‍तर पर विपक्ष में रहकर इस पर सदन में सार्थक चर्चा करवाने में सफल रहती हैं तो मोदी सरकार केंद्रीय स्‍तर पर MSP गारंटी कानून बनाने को मजबूर होगी.

 

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